सफल करियर के लिए स्कूल छात्रों को ज़रूर सीखना चाहिए यह महत्वपूर्ण स्किल्स

सॉफ्ट स्किल्स: सॉफ्ट   स्किल्स एक छात्र के करियर मार्ग में ही नहीं बल्कि उसके निजी जीवन में भी उसे   जिम्मेदार बनाती है. यहाँ सॉफ्ट स्किल्स   से सीधे तात्पर्य है कि छात्र अभी से अनुसाशन, टीम-वर्क तथा लीडर-शिप जैसी   स्किल्स को खुद में बेहतर तरीके से विकसित करें.

टेक्नोलॉजी: दरअसल   टेक्नोलॉजी से जुड़ी चीजें दिन प्रति दिन अपडेट होती ही जा रही हैं अर्थात समय के  अनुसार छात्रों को इन चीजों से परिचित रहना आवश्यक है I क्यूंकि एक छात्र के लिए   एडवांसड स्किल्स उसके करियर के मार्ग में कई रास्ते खोलती है  

इनोवेशन तथा साथ ही साथ अनुकूल होना: सफलता की   सबसे बड़ी कुंजी है कि जितना हो सके उतना सीखो, क्यूंकि ज्ञान प्राप्त करना हमेशा   आपके लिए लाभप्रद होगा. छात्रों को अपने अकादमिक स्किल्स तथा प्रैक्टिकल स्किल्स   दोनों पर ही समान रूप से ध्यान देना चाहिए.

सेल्फ मोटिवेशन स्किल्स: एक छात्र   के जीवन में कभी सफलता तो कभी निराशा हाथ लगना स्वभाविक है. लेकिन हमेशा छात्रों   में सेल्फ मोटिवेशन का होना ज़रूरी है, यदि किसी परिस्तिथि में आप निराश भी होते   हैं तो आप अपने सफलताओं को याद कर खुद को मोटीवेट कर आगे के लिए नए मार्ग को   चुनने की कोशिश करें.  

लर्निंग स्किल्स लर्निंग   स्किल्स भी है महत्वपूर्ण आपमें लर्निंग स्किल का होना बहुत जरुरी है। ये एक ऐसी   स्किल है, जो आपमें हमेशा होनी चाहिए। क्योंकि सीखना कभी भी बेकार नहीं जाता है और समय के साथ-साथ आपको नई   चीजें सीखनी चाहिए।

टाइम मैनेजमेंट: बहुत   जरूरी है कि कम उम्र से ही बच्चे को टाइम मैनेजमेंट सिखाया जाए। इसके लिए उसे   सुबह स्कूल जाने और दिन भर किए जाने वाले काम की सूची बनाने को कहें। स्कूल से आने के बाद बच्चे को पढ़ाई करना,   फ्री टाइम में गेम्स खेलना या एक्सट्रा एक्टिविटीज का टाइम-शेड्यूल मैनेज करना   सिखाएं। आगे चलकर ये आदतें उसके बहुत काम आएंगी।

खेल कूद:  बच्चे   जिज्ञासु प्रकृति के होते हैं। खेलते हुए बच्चों को वस्तुएँ छूने, उन्हें ध्यान   से देखने और आसपास के वातावरण की छानबीन करने का मौका मिलता है और इससे उन्हें   अपने मन में उठते हुए अनेक प्रश्नों के उत्तर मिलते हैं। खेल क्रियाओं के माध्यम   से वे आम घटनाओं के घटित होने के कारण भी समझने लगते हैं। बच्चों को इच्छानुसार   खेलने के अवसर देने से हम उनकी सीखने में मदद करते हैं। खेल बच्चों को खोज करने   और उसके द्वारा स्वयं सीखने का अवसर प्राप्त होता है।

सेल्फ डिफेंस की नॉलेज: बच्चे को   अपनी एक्टिविटीज या खेलने के लिए अकेले बाहर जाना ही पड़ता है। ऐसे में उनका   सामना ऐसे अनजान असामाजिक लोगों से हो सकता है, जिनके इरादे अच्छे नहीं होते   हैं। ऐसे में बच्चे को बताना चाहिए कि किसी भी अनजान इंसान से एक लिमिट में ही   बात करनी है। अपनी पर्सनल चीजें शेयर नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा अनहोनी से   बचने के लिए बच्चे को बचपन से ही सेल्फ डिफेंस टेक्नीक जरूर सिखानी चाहिए।

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