निबंध की शुरुआत इंट्रोडक्शन से होती है यही कारण है कि इसका सबसे अधिक आकर्षक होना आवश्यक है। टॉपर्स का कहना है कि इंट्रोडक्शन एक बेहतर निबंध का मूल मंत्र है।
टॉपर्स का कहना है कि निबंध में ज्यादा से ज्यादा डाटा और फैक्ट्स शामिल करने का प्रयास करें। ऐसा करने से न सिर्फ आपका निबंध विश्वसनीय बनेगा साथ ही आपको बेहतर अंक भी मिल सकते हैं।
निबंध लिखने वाले उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि रोज योजना मैगजीन पढ़ें। योजना मैगजीन पढ़ने से आपको यह आइडिया हो जाएगा कि सरकारी निबंध कैसे लिखे जाते हैं। उम्मीदवार इस स्ट्रेटेजी को जरूर अपनाएं।
एक बेहतर निबंध लिखने के लिए आवश्यक है कि सभी पाठकों को उससे जुड़ जाए। ऐसा करने के लिए उम्मीदवार लिखते समय असल जिंदगी से जुड़े हुए उदाहरण या किस्से कहानियां लिख सकते हैं। यह निबंध को अधिक सरल और रोचक बना देती है।
विफलता मिलने से टूटना स्वभाविक है. विफलता परेशान ही करती है और अन्दर से विचलित भी. पर अब तो आपके पास attempts भी कई सारे हैं. जरुरी नहीं कि हर कोई पहली या दूसरी बार में ही सफलता प्राप्त कर ले क्योंकि हमारे जीवन में भाग्य का भी रोल होता है.
एकं इंटरव्यू में अमित कहते हैं कि उनसे अक्सर कैंडिडेट्स पूछते हैं कि ऐस्से की परीक्षा की तैयारी शुरू करने का सही समय क्या होता है। इसका जवाब है कि मेन्स परीक्षा के डेढ़ महीने पहले से आप निबंध पेपर की तैयारी आरंभ कर सकते हैं।
अमित मानते हैं कि इस पेपर में जान डालने के लिए कुछ 50 या 60 कोट्स तैयार कर लीजिए जिन्हें विषय के अनुसार इस्तेमाल किया जा सके। इससे निबंध प्रभावशाली बनता है। कुछ थिंकर्स, फेमस पर्सनैलिटीज की कहीं बातें भी याद कर सकते हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें।
निबंध का इंट्रोडक्शन करीब 200 शब्दों का हो सकता है। ठीक इसी प्रकार बॉडी में एक हजार शब्द तक लिखें जा सकते हैं और कॉन्क्लूजन में भी 200 शब्द काफी हैं। इस संख्या में 100-200 शब्दों का ऊपर-नीचे चलता है।