नीट के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स कौन-कौन से हैं?

फार्मेसी  मेडिकल क्षेत्र में एक अच्छे करियर के लिए बिना NEET की परीक्षा के, Pharmacy सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। 12वीं के बाद विद्यार्थी फार्मेसी में भी जा सकते हैं। Pharmacy, दवाइयों से जुड़े अलग-अलग चीजों जैसे कि ड्रग सेफ्टी, ड्रग की खोज, मेडिकल केमिस्ट्री और औद्योगिक फार्मेसी आदि की पढ़ाई होती है।

पशु चिकित्सा विज्ञान  पशु चिकित्सा विज्ञान जानवरों के लोगों और उनके उपचार और डायग्नोस्टिक की पढ़ाई होती है। बिना NEET की परीक्षा के मेडिकल लाइन में 12वीं के बाद विद्यार्थी के लिए यह भी एक बहुत अच्छा विकल्प है। इसमें जाने के इच्छुक विद्यार्थी 12वीं के बाद Bachelor in Veterinary Science के कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।

बीएससी न्यूट्रिशन (B. Sc Nutrition) बीएससी न्यूट्रिशन 3 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है इसे करने के बाद आपको किसी भी हॉस्पिटल हेल्थ क्लिनिक हेल्थ सेंटर मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर डायटिशियन  के नाम पर आसानी से जॉब मिल जाती है यह कोर्स आजकल के समय को देखते हुए बहुत चलन में है और इसका स्कोप बहुत ज्यादा है |

मनोविज्ञान  मेडिकल फील्ड का एक और बहुत ही मुख्य ऑप्शन मनोविज्ञान यानी कि साइकोलॉजी होता है। बिना NEET पास किए विद्यार्थी साइकोलॉजी की पढ़ाई कर सकते हैं। मनोविज्ञान मानव के मन और उसके व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन होता है। 12वीं के बाद बिना NEET के B.A honours किए हुए विद्यार्थी भी साइकोलॉजी का विकल्प चुन सकते हैं।

फिजियोथेरेपी  बिना NEET की परीक्षा से गुजरे, विद्यार्थियों के लिए 12वीं के बाद फिजियोथेरेपी की पढ़ाई करना भी एक अच्छा विकल्प रहता है। इसकी परिभाषा में फिजियोथेरेपी उपचार के उस तरीके को कहते हैं, जिसमें भौतिक बलों जैसे कि ऊष्मा, बिजली, यांत्रिक दबाव और यांत्रिक बलों आदि के माध्यम से रोगों का उपचार किया जाता है।

बीए साइकोलॉजी (B. A. Psychology)  बीए साइकोलॉजी का कोर्स कोई भी स्टूडेंट कर सकता है चाहे वह मैथ स्ट्रीम से हो या फिर कॉमर्स स्ट्रीम से इस कोर्स को करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपने ट्वेल्थ में बायोलॉजी सब्जेक्ट लिया हो बीएससी साइकोलॉजी करने के बाद आप किसी भी हेल्थियम मेंटल केयर काउंसलर बन सकते हैं 

ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट (Occupational therapists)  शारीरिक या मानसिक बीमारी या चोट से उबरने में मदद करके बेहतर और अच्छा जीवन जीने में मदद करते हैं। रोगी की बीमारी का कारण चोट, दुर्घटना, लंबे समय से चली आ रही बीमारी, लकवा, स्ट्रोक, ऑटिज्म, वृद्धावस्था या किसी अन्य चीज हो सकती है।ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट नैदानिक सेटिंग्स में गैर सरकारी संगठनों और अन्य लोगों के स्कूलों में ग्राहकों के साथ काम कर सकते हैं।

बायोटेक्नोलॉजिस्ट  जैव प्रौद्योगिकीविद (Biotechnologists) जीवन के समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से उत्पादों और प्रक्रियाओं को विकसित/आविष्कार करने के लिए जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी के ज्ञान को संश्लेषित करते हैं। इसमें सूक्ष्मजीवों आदि के आनुवंशिक हेरफेर का अध्ययन शामिल हो सकता है।

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