इंग्लिश बोलने के अलावा सुनना भी बेहद जरूरी है - नेटिव इंग्लिश के लिए एक अच्छे प्रोसेस की जरूरत होती है, जिसमें न सिर्फ बोलना, बल्कि सुनना भी बेहद जरूरी है।
नेटिव स्पीकर को सुनना - जब भी आप किसी नेटिव स्पीकर को इंग्लिश बोलते हुए सुनते हैं, तो उनसे सीखना बेहद आसान हो जाता है।
अपने एक्सेंट पर ध्यान दें - नेटिव स्पीकर्स की लाइंस, सेंटेंस और भावों को दोहराएं, उन्हें अपने रोजाना के कम्युनिकेशन में इस्तेमाल करके याद रखने की कोशिश करें।
लोगों के साथ संपर्क बनाए - ऐसे लोगों के साथ संपर्क बनाए रखें, जिसकी नेटिव इंग्लिश बहुत अच्छी हो। संभव हो तो सोशल मीडिया के माध्यम से किसी विदेशी के संपर्क में रहने की कोशिश करें और उससे बातचीत करें।
शब्दावली को रिकॉल करें - जब भी हम नेटिव स्पीकर को भाव व्यक्त करते हुए सुनते हैं, तो उसे इस्तेमाल करना आसान हो जाता है। कभी-भी अपनी शब्दावली को रिकॉल करना न भूलें, उन्हें लॉन्ग टर्म मेमोरी में रखें।
टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करें - इंग्लिश स्पीकिंग में सुधार के लिए आप टेक्नोलॉजी का उपयोग भी कर सकते हैं। इंग्लिश के अपने एक्सेंट, वाक्यांश और एक्सप्रेशन को रिकॉर्ड करने के लिए आप अपने स्मार्ट फोन का उपयोग करें।
नेटिव ट्यूटर्स की वीडियो देखें - सोशल मीडिया के माध्यम से नेटिव ट्यूटर्स की वीडियो देखें। इंग्लिश फिल्में और गाने देखें, जिससे आप उनका कल्चर भी समझ सकें।
म्युजिक की मदद लें - नेटिव स्पीकर्स के एक्सप्रेशन और बातचीत की स्किल्स को याद करने के लिए, संगीत, गीत, शब्द और म्युजिक आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।
अपनी वॉइस पर ध्यान दें - नेटिव इंग्लिश बोलने वालों की तरह अपनी वाइस को सही करने के लिए आपको बोलने वाले शब्दों को समझना भी जरूरी है। आप जो शब्द कहते हैं उसे जरूर समझें और नेटिव स्पीकर की तरह एक्सेंट में बोलें।
शब्दों की स्पीड, क्लैरिटी और टोन में सुधार - इंग्लिश बोलते हुए आपके शब्दों की स्पीड, क्लैरिटी और टोन में सुधार आपकी स्पीकिंग को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह टिप नेटिव स्पीकर्स को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगी।
इंग्लिश को जोर से बोलकर पढ़ें - अपनी इंग्लिश स्पीकिंग को बेहतर बनाने के लिए इसे जोर से पढ़ना काफी फायदेमंद रहता है। यह अपनी एक्सेंट पर काम करने का एक शानदार तरीका है, इससे आपके शब्दो में क्लैरिटी आएगी।
स्लैंग बोलते समय अपनाएं ये तरीका - अलग-अलग नेटिव स्पीकर्स अपने कम्युनिकेशन के दौरान अलग-अलग तरह के स्लैंग का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इनका मतलब एक ही होता है, लेकिन नेटिव स्पीकर्स अपने मुताबिक उन्हें बोलते हैं।