टीचर्स से पूछें मुश्किल सवाल - वे सवाल जो कठिन हैं, उन्हें नोट करें और टीचर्स से पूछें। मुश्किल सवालों के कॉन्सेप्ट क्लियर कर लें और उन्हें समझने में थोड़ा ज्यादा समय दें।
मैथ्स-फिजिक्स के फॉर्मूला याद करें - फिजिक्स के न्यूमेरिकल्स और मैथ्स की तैयारी के लिए फॉर्मूले का विशेष ध्यान रखें। मैथ्स सॉल्व करते समय फॉर्मूला भी लिखने की आदत डालें, जिससे एग्जाम हॉल तक यही आदत बनी रहे।
डायग्राम बनाना न भूलें - मैथ्स के ज्योमैट्री और साइंस के सब्जेक्ट में डायग्राम का विशेष महत्व होता है। एग्जाम के लिए तैयारी कर रहे हैं तो साथ के साथ ही साइंस डायग्राम और उनके लेबलिंग की भी तैयारी करें।
टॉपिक्स याद रखें अपनी भाषा में लिखें - साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स किसी भी विषय के टॉपिक के बारे में पढऩे जा रहे हैं तो टॉपिक के पॉइंट बनाएं। उत्तर को अपनी भाषा में लिखने का प्रयास करें। इससे आपके अंदर के भाषा ज्ञान का भी पता चलेगा।
लिमिटेड शब्दों और समय में आंसर लिखने की प्रैक्टिस करें - बचे समय में रिवीजन के साथ आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें। रोजाना प्रश्नों के उत्तर को लिखकर प्रैक्टिस करने की आदत डालें।
सैम्पल पेपर्स सॉल्व करें - पुराने सालों के क्वेश्चन पेपर्स को ठीक उसी तरह सॉल्व करें, जैसे की फाइनल एग्जाम दे रहे हों। इससे आप अपनी हैंड राइटिंग और टाइम मैनेजमेंट का आंकलन कर पाएंगे।
फॉर्मूले के लिए एक चार्ट बनाएं -फिजिक्स, मैथ्स और कैमिस्ट्री में फॉर्मूले और इक्वेशन का चार्ट बनाकर घर में टेबल बनाकर उस जगह पर चिपकाएं, जिस जगह आपका ज्यादातर वक्त बीतता है।
ब्लू प्रिंट के आधार पर प्रिपरेशन - किताबों में यूनिट इंडेक्स के पास ब्लू प्रिंट होता है। इसकी सहायता से एग्जाम की प्रिपरेशन करें, क्योंकि पेपर का पैटर्न ब्लू प्रिंट के आधार पर ही आएगा।
डिस्कशन की आदत बनाएं - आजकल के स्टूडेंट्स डाउट्स पर डिस्कशन नहीं करते। जिस भी सवाल में संशय हो, उस पर तुरंत टीचर्स से या अपने दोस्तों/ग्रुप्स में चर्चा करें।
उदाहरणों को आधार मानकर पढ़ें - हिस्ट्री, सोशल साइंस, बायो, कॉमर्स जैसे विषयों को याद करने और समझने के लिए उदाहरणों का सहारा लें।