लॉ कर चुके छात्र वकालत के अलावा इन क्षेत्रों में भी बना सकते हैं करियर 

एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस:- लॉ करने के बाद आप सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में खुद की प्रैक्टिस कर सकते हैं, शुरुआती दौर में किसी सीनियर एडवोकेट के अधीन प्रैक्टिस कर सकते हैं। -  अपनी रूचि के अनुसार आप क्षेत्र चुन सकते हैं। इनमें सिविल, टैक्स, क्रिमिनल, कॉर्पोरेट मामले आदि शामिल हैं। 

लीगल एनालिस्ट :- बड़े उद्योग घरानों और लॉ फर्म्स में व्यावसायिक समस्याओं और अन्य न्यायिक समाधान के लिए लीगल एनालिस्ट की आवश्यकता होती है। एक लीगल एनालिस्ट के वार्षिक पैकेज की शुरुआत में 6-10 लाख रु. तक होती है। 

लीगल जर्नलिस्ट: -मीडिया हाउसेस में लीगल, क्राइम व कोर्ट की खबरें कवर करने के लिए भी लॉ के छात्रों की मांग है। 

लीगल एडवाइज़र:- बहुत से उद्योगपति, कंपनियां, नेता तथा संस्थाएं न्यायिक अड़चनों के समाधान हेतु लीगल एडवाइज़र नियुक्त करते हैं। 

सरकारी वकील: - बार कॉउंसिल की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आप सरकार और उसके विभिन्न विभागों के लिए केस लड़ सकते हैं।  

जुडिशल सर्विस और पब्लिक सर्विस कमीशन : राज्य सरकार और केंद्र सरकार समय-समय पर जुडिशल सर्विस और सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित करती हैं, इसमें सफल होकर आप कोर्ट में जज तथा अन्य ऊंचे पदों पर कार्य कर सकते हैंं। 

जुडिशल क्लर्कशिप:  जुडिशल क्लर्कशिप या लॉ क्लर्क, जज के सहायक के तौर पर कार्य करते हैं, ये जज को विधि संबंधी या केस से सम्बंधित अनुसंधान में सहायक का कार्य करते हैं। जुडिशल क्लर्कशिप की परीक्षा पास करने के बाद आप इस पद पर सेवा कर सकते हैं। 

वकालत पढ़ने के बाद और प्रेक्टिस से पहले यह जरूरी :एलएलबी की डिग्री मिलने के बाद वकालत करने के लिए स्टेट बार कॉउन्सिल में एनरॉल कराने की आवश्यकता होती है। कहां-कहां तथा कैसे-कैसे रोज़गार के अवसर  वैश्वीकरण के कारण हर क्षेत्र में विधि और कानून से जुड़े विशेषज्ञों की मांग बढ़ी है, चाहे वो लॉ फर्म हो, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, प्राइवेट सेक्टर अंडरटेकिंग, सेलेब्रटी हो या बिज़नेस टाइकून सभी को विधि परामर्शी की जरूरत है। 

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