आप जिस भी सब्जेक्ट की पढ़ाई कर रहे हो सबसे पहले आपको उस सब्जेक्ट में दिलचस्पी होनी चाहिए तभी आप उस सब्जेक्ट में ध्यान दे पाएगा।
कभी भी पढ़ाई के समय टेंशन ना ले। अगर एग्जाम भी सामने हैं और हमें यह डर समा रहा है कि हम तैयारी कर पाएंगे या नहीं कर पाएंगे तो यही सोचकर आपका समय बीत जाएगा और आप कुछ भी नहीं पढ़ पाएगा तो सबसे पहले जरूरी यह है कि कभी भी पढ़ते वक्त टेंशन ना ले।
जब भी हम किसी विषय की पढ़ाई करते हैं तो हमें उस विषय में एकाग्र (concentrate) होने की जरूरत पड़ती है। अगर आपके आसपास का माहौल जब तक शांत नहीं रहेगा; तब तक हम उस पर ध्यान नहीं दे पाएंगे और उस विषय में एकाग्र हो नहीं पाएंगे तो जब भी आप पढे तो किसी शांत जगह पर बैठकर ही पढ़े।
आप जिस भी चीज को दिन में या किसी भी समय पढ़ रहे हो तो सोने से पहले उस चीज को एक बार जरूर revise कर ले और सुबह उठते ही सबसे पहले उस चीज के बारे में सोचें और उसे बोलने का प्रयास करें।
किसी भी चीज को याद करने से पहले ये ना सोचे कि यह कितना बड़ा है, यह कितना मुश्किल है। उसे अपने रोजमर्रा की जिंदगी के साथ जोड़ कर पढ़ें या समझने का प्रयास करें। चीजें आपको जल्दी याद होगी और सब्जेक्ट भी आपको हमेशा याद रहेगा।
जिस विषय को पढ़ने में आपको कठिनाई आती है यानी जो भी Subject आपको मुश्किल लगता है; आप उसके लिए विशेष समय सारणी बनाएं। अगर आप अपने मनपसंद का सब्जेक्ट में 1 घंटे का समय देते हैं तो उस सब्जेक्ट के लिए आपको 2 घंटे का समय निश्चित करना होगा। तभी आप उस सब्जेक्ट को भी अच्छे से याद कर पाएंगे।
अगर आप मैथ और साइंस की पढ़ाई करते हैं तो हमेशा उसे समझ -समझ कर बनाने का प्रयास करें और जितने भी फार्मूला हो उसे एक जगह जरूर नोट करें ताकि आपको कभी भी फार्मूला ढूंढने में परेशानी ना हो क्योंकि कभी-कभी फार्मूला भूल जाने के चक्कर में हमें वह चीज बनाने का मन नहीं करने लगता।
कभी भी अपने पढ़ाई में gap ना आने दे क्योंकि कभी-कभी हम इतना पढ़ लेते हैं कि अगले दिन अब वह विषय पढ़ने का मन ही नहीं करने लगता। जिस कारण भी हम सब्जेक्ट को भूलते हैं; इसीलिए कभी भी अपने किसी भी सब्जेक्ट में ज्ञात gap ना लाए। आप उस सब्जेक्ट को आधा घंटा ही पढे किंतु रोज पढ़िए तभी आपको चीजें याद रहेंगी।
अगर आप बहुत जल्दी चीजों को याद कर कर भूल जाते हैं तो ज्यादा से ज्यादा यह प्रयत्न करें कि उसे लिखकर याद करने का कोशिश करें इससे आपको यह पता चल जाएगा कि आपको कितना समझ आया है और कितना आपको याद करना बाकी है।