JEE अडवांस्ड: इन 5 बातों पर करें अमल, हो जाएंगे सफल
गोल्डन पीरियड - मेन्स से अडवांस तक के पीरियड को हम 'गोल्डन पीरियड' कहते हैं। जिसने भी इस समय का सही उपयोग किया, उसके आईआईटी में पहुंचने की दावेदारी मजबूत हो जाती है।
30 मॉक टेस्ट - कोशिश करें कि इस दौरान आप लगभग 30 प्रैक्टिस पेपर जरूर सॉल्व कर लें। इसके आपका दिमाग परीक्षा के दिन के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
टेस्ट का समय - सुबह 9 से दोपहर 12 और दोपहर 2 से 5 बजे तक। इससे आपका आपका दिमाग उन्हीं घंटों में अपनी अधिकतम क्षमता पर काम करने का आदी हो जाएगा जो आपके एग्जाम का समय है।
पहले टेस्ट को सुलझाए बिना अगले पर नहीं जाएं - यह बहुत जरूरी है कि अगला टेस्ट लेने से पहले आप पिछले टेस्ट में की गई अपनी गलतियों को सुधार लें उसके बाद ही अगला टेस्ट लें।
टीचर से मदद लें - गलतियों को सुधारने के लिए अगर बार-बार किसी टॉपिक का रिविजन करना पड़े या अपने टीचर से मिलना पड़े तो कदम पीछे नहीं, आगे ही बढ़ाएंगे।
रिविजन का समय - दिन के 24 घंटों में अपने कुछ रिविजन के लिए निश्चित करें। बार-बार रिविजन करने से सोचने की और प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने की स्पीड बढ़ती है।
समय प्रबंधन - इस एग्जाम में स्पीड और बुद्धिमानी दोनों मायने रखती है। इसलिए समय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखने की भी जरुरत हैं।
अपने मजबूत पक्ष को और मजबूत बनाएं - अपने मजबूत टॉपिक्स को और मजबूत बनाइए। इतने वक्त में कमजोर टॉपिक्स पर समय लगाया तो मजबूत पक्ष पर भी पकड़ कमजोर हो जाएगी।
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