नियमित तय घंटे पढ़ाई करें: सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण क्वालिटी जो उनमें देखने को मिलती है वो यह है कि वे लंबे समय तक सफल होने के लिए पूरे अनुशासन में रहते हैं। टॉपर्स किसी अन्य ईमानदार छात्र की तरह, अपनी तैयारी के दौरान समय और ऊर्जा के महत्व को समझते हैं, इसलिए वे अपने पढ़ाई के घंटों के दौरान बेहद अनुशासित रहते हैं। वह प्रतिदिन रेगुलर अपनी पढ़ाई बिना किसी रुकावट के टाइमटेबल के तहत जारी रखते हैं
नया सीखना/समझना: प्रथम परन्तु सबसे महत्त्वपूर्ण तत्त्व जो सभी छात्रों को जानना चाहिए कि उनमें पढ़ने की इच्छा और नया जानने/सीखने का उत्साह होता है। टॉपर बनने का कोशिश नहीं बल्कि ज्ञान समेटने/सबकुछ जानने का जोश उनको उस मुकाम तक ले जाता है। क्योंकि छात्र सीखते रहते हैं, इसलिए उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। इसलिए प्रतियोगी छात्रों के टॉपर्स के पास एक मजबूत आत्म विश्वास प्रणाली पाई जाती है.
स्मार्ट स्टडी करें: उनके पढ़ाई करने के तरीके को स्मार्ट स्टडी कहते है। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को समय प्रबंधन के तहत समय से समाप्त करना और पढ़ाई के दौरान सूझ-बुझ से काम लेना इस प्रक्रिया में आता है। प्रतियोगी परीक्षा के टॉपर और असफल उम्मीदवार के बीच बुनियादी अंतर एक समर्पण और स्थिरता का मिलता है जो कि अभ्यास के साथ निखरता है।
नोट्स तैयार करें: तीसरी बात जो उन्हें दूसरे छात्रों से अलग करती है वह है उनकी नोट्स मेकिंग स्किल। स्कूल/कॉलेज/कोचिंग में पढ़ाए गए पाठ्य के पश्चात भी खुद अध्ययन कर अपने नोट्स तैयार करना और पाठ्यक्रम को पूरा ख़त्म करना उनको उनके टॉपर बनने में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हर टॉपिक को कांसेप्टवाइज समझें: इसके लिए कभी भी किसी भी तथ्य को रट्टा मार कर याद नहीं करते बल्कि हर तथ्य को कांसेप्ट वाइज समझते हैं। इससे इनके ज्ञान में विस्तार होने के साथ-साथ प्रश्न के विविधताओं से सामना करने का सहायता करते हैं। इससे उनमें एक अलग तरह की रिफ्लेक्टिव सोच विकसित हो पाती है और वे किसी भी प्रकार की समस्या की स्थिति में आगे बढ़ने में सक्षम हो पाते हैं।
रीवीजन करें: टॉपर अपने पढ़ें हुए ज्ञान को एक निश्चित अंतराल पर वैज्ञानिक तरीके से रीवीजन करते हैं ताकि वह परीक्षा के लिए उसे बेहतर तरीके से याद रख कर प्रकट कर सकें। टॉपर्स अपनी तैयारी में निरंतरता के महत्व का एहसास करते हैं और हर दिन रीवीजन करने के लिए समय निकालते हैं।
मॉक टेस्ट/मॉडल पेपर सॉल्व करें: कॉम्पिटिटिव एग्जाम के टॉपर्स मॉक टेस्ट सीरीज और पिछले कुछ सालों के पेपर्स जरूर सॉल्व करते हैं। इससे उनमें इस बात का भरोसा बढ़ता है कि वे किसी भी एग्जाम को क्रैक कर सकते हैं। पुराने पेपर्स सॉल्व करने से कॉन्फिडेंस आता है। मॉक टेस्ट सीरीज हल करने से छात्रों को परीक्षा में किस तरह के सवाल आते हैं.
परीक्षा में कठिन सवालों पर ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं करें: कोई भी सफलता तब तक नहीं मिल सकती, जब तक कि बेहतर टाइम मैनेजमेंट नहीं किया जाए। वैसे तो टाइम मैनेजमेंट का ध्यान पूरे सालभर रखना चाहिए, लेकिन एग्जाम के अंतिम समय में यह और भी जरूरी हो जाता है। टॉपर्स न केवल साल भर टाइम मैनेज करके चलते हैं, बल्कि एग्जाम हॉल में भी इसका ध्यान रखते हैं।
स्वास्थ्य पर ध्यान दें: अच्छी पढ़ाई के लिए स्वस्थ्य शरीर का होना आवश्यक है। प्रतियोगी परीक्षा निकट आते ही छात्रों में पढ़ाई के प्रति तनाव के साथ रात-दिन कड़ी मेहनत से जहां छात्र-छात्राओं का सेहत बिगड़ जाता है, जिससे ऐन वक्त पर छात्र बीमार हो जाते हैं। जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। वहीं परीक्षा के समय अस्वस्थ्य रहने से परीक्षाफल भी प्रभावित होता है। ऐसे में छात्रों को सेहत पर पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता है.
ध्यान हटाने वाली चीजों से दूर रहें: हमारे आस-पास कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं, जो पढ़ाई से हमारा ध्यान हटाती हैं। ऐसी वस्तुओं को या तो स्वयं से दूर रखना चाहिए या मोबाइल फोन को ऐरोप्लेन मोड पर लगा देना चाहिए। यदि आप ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हो, तो आपके पास फेसबुक का मैसेंजर एप्प तो होना ही नहीं चाहिए तथा फेसबुक व व्हाट्सएप की नोटिफिकेशन ऑफ होनी चाहिए, साथ ही और भी ध्यान हटाने वाली चीजों से दूर रहना चाहिए।