इंडियन बी-स्कूल्स के लिए स्टूडेंट्स में इन क्वालिटीज़ को देते हैं प्रेफ़रेंस

सेल्फ मोटिवेटेड पर्सनैलिटी -  वे कैंडिडेट्स सेल्फ मोटिवेशन के मुताबिक सभी कार्य करने में सक्षम हों ताकि अपने निर्णय के मुताबिक अपने काम पूरे कर सकें।

लीडरशिप क्वालिटी -  MBA कैंडिडेट्स में एक आवश्यक योग्यता लीडरशिप क्वालिटी है, वे अपने कार्यक्षेत्र में एक लीडर की तरह आगे बढ़कर अन्य लोगों या ग्रुप्स को लीड करने में कुशल हों।

एक्स्ट्रोवर्ट पर्सनैलिटी -  MBA कैंडिडेट्स अवश्य ही एक्स्ट्रोवर्ट नेचर के हों और प्रत्येक मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रख सकें तथा सभी लोगों के साथ अच्छे प्रोफेशनल रिलेशन्स कायम रख सकें।

पेशेंस और स्टेबिलिटी -  MBA कैंडिडेट्स में दृढता और पेशेंस होना बहुत जरुरी है। उन्हें मानसिक रूप से भी स्थिर होना चाहिए ताकि वे किसी भी टारगेट को आसानी से पूरा कर सकें।

क्रिएटिव और इनोवेटिव पर्सनैलिटी - क्रिएटिव और इनोवेटिव पर्सनैलिटी MBA कैंडिडेट्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्वालिटी है। नए-नए आइडियाज़, इन्वेंशन और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बनाने में इन क्वालिटीज़ का बहुत योगदान होता है।

सटीक निर्णय लेने की क्वालिटी -  MBA कैंडिडेट सभी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सटीक निर्णय लेने में सक्षम हों।

स्मार्ट प्रेजेंटेशन्स -  MBA कैंडिडेट्स के सभी प्रेजेंटेशन्स स्मार्ट होने चाहिए। उनकी पर्सनैलिटी स्मार्ट होनी चाहिए ताकि लोग उन्हें देखते ही इम्प्रेस हो जायें।

लॉजिकल स्किल -  MBA कैंडिडेट्स के सभी निर्णय और विचार लॉजिकल होने चाहिए। उनका लॉजिक ऐसा होना चाहिए कि हर कोई उसे आसानी से समझ सके।

सक्सेस रिकॉर्ड -  MBA कैंडिडेट्स के पिछले एकेडेमिक रिकार्ड्स शानदार होने चाहिए ताकि वे एक काबिल कैंडिडेट साबित हो सकें।

मैच्योरिटी -  उनमें मैच्योरिटी हो और जीवन के सभी कार्यक्षेतों में वे कैंडिडेट्स प्रोफेशनली कार्य करने में पूरी तरह सक्षम हों।

कम्युनिकेशन स्किल्स - बिजनेस फील्ड में इसके अभाव में आप एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। MBA कैंडिडेट्स के कम्युनिकेशन स्किलल्स बहुत प्रभावी होने चाहिए।

पर्सनल इंटेग्रेटी -  उनका व्यक्तित्व आकर्षक तथा प्रभावी होना चाहिए। विनम्र, शांत और सॉफ्ट स्पोकन कैंडिडेट्स की तलाश हर टॉप मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट अथवा बी-स्कूल को रहती है।

इंटेलेक्चुअल एबिलिटी -  एक MBA स्टूडेंट के पास सभी किस्म की प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने की इंटेलेक्चुअल एबिलिटी और स्किल होना चाहिए। इसलिए बी-स्कूल्स अपने कैंडिडेट्स की इंटेलेक्चुअल एबिलिटी को अच्छी तरह परखते हैं।

एनालिटिकल माइंडसेट -  कैंडिडेट्स के पास एनालिटिकल माइंडसेट जरुर होना चाहिए ताकि वे स्ट्रेसफुल और जटिल कंडीशन्स को अच्छी तरह एनालाइज़ करके समय रहते यूसफुल सॉल्यूशन्स तलाश सकें।

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