यह पद सेना में सबसे बड़ा होता है लेकिन यह पद सम्मान के रूप में दिया जाता है। फील्ड मार्शल की उपाधि आर्मी सेवा समाप्त होने के बाद भी रहती है अर्थात व्यक्ति के जीवित रहने तक वह इस उपाधि से सम्मानित होता रहता है। लेकिन वर्तमान समय में सेना ने इस पद को समाप्त कर दिया है। इसका चिन्ह निम्न प्रकार से होता है।
जनरल
जनरल
ये फील्ड मार्शल के बाद की सबसे बड़ी रैंक है लेकिन फील्ड मार्शल रैंक को खत्म करने के बाद ये इंडियन आर्मी की सबसे बड़ी रैंक हो गयी है। यह रैंक इंडियन आर्मी के सेनाध्यक्ष के पास है तथा यह चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ के पास के भी हो सकती है इसे लेफ्टिनेंट जनरल से ऊपर रखा गया है।
यह जनरल रैंक के बाद की रैंक होती है तथा मेजर जनरल से बड़ी रैंक होती है। ये एक बड़ी इंडियन आर्मी का नेतृत्व करती है जिसमे 60,000 से 70,000 सैनिक होते है। लेफ्टिनेंट जनरल अधिकारी के बैज पर 3 स्टार लगे हुए होते है। इस अधिकारी के कंधे पर एक गोल्डन अशोक चिन्ह और क्रॉस बैटन होता है
मेजर जनरल
मेजर जनरल
यह रैंक लेफ्टिनेंट जनरल के बाद की सबसे बड़ी उपाधि तथा ब्रिगेडियर से बड़ी उपाधि होती है। इस आर्मी ऑफिसर के बैज पर एक गोल्डन स्टार और क्रॉस बैटल लगा हुआ होते है। ये डिवीजनों के कमांडर के रूप में कार्य करते है
ब्रिगेडियर
ब्रिगेडियर
ये मेजर जनरल के बाद तथा कर्नल से बड़ी रैंक होती है इस अधिकारी के बैज पर 3 स्टार और एक अशोक चिन्ह होता है। इस रैंक को पाने के लिए 25 साल की कमीशन सेवा जरुरी होती है। इसकी सेवानिवृति उम्र 56 होती है।
कर्नल
कर्नल
ये ब्रिगेडियर के बाद और लेफ्टिंनेंट कर्नल से बड़ी रैंक है इस अधिकारी के कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक और 2 स्टार बने हुआ होते है। यह रैंक इंडियन नेवी और इंडियन एयर फोर्स के कैप्टन के बराबर होती है और इस रैंक को पाने के लिए 15 साल की सैन्य सेवा जरुरी होती है।
ये मेजर से बड़ी रैंक होती है। इस अधिकारी के बैज पर राष्ट्रीय प्रतीक और एक-पांच बिंदु वाला स्टार तथा राष्ट्रीय प्रतीक होता है इसके लिए 13 साल की कमीशन सेवा और पार्ट-D पेपर को उत्तीर्ण करना होता है।
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