अन्य लोगों का बॉसी व्यवहार कई बार हमारे मन को झंझोड़ के रख देता है। कई बार मन किसी काम को करने की इजाजत नही देता। मगर फिर भी हम उस काम को करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
जो भी काम करें पूरी सच्चाई और निष्ठा के साथ करें। इससे आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने में परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। अगर आप ईमानदार है तो आपका कार्य पूर्ण रूप से अन्य लोगों की ओर से भी अवश्य सराहा जाएगा।
कभी कभार तयशुदा प्लान हमें सीमाओं में बांध देते हैं। अधूरे मन से हम उन कार्यां को कर तो देते है। मगर आपका 100 प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। इससे काम की क्वालिटी भी कम होती है और रिश्तों में खींचतान भी बढ़ने लगती है।
अगर आपको ऑफिस या घर में कुछ खोने का संकेत मिलता है, तो उस बारे में चिंतित होने की जगह उन चीजों पर चर्चा करें। उस समस्या के हल को निकालने के लिए बहुत ज्यादा दूसरों की राय न लें। लोगों की सुनी सुनाई बातें कई बार चिंताओं को बढ़ाने लगती है।
अगर किसी काम करने के लिए आप तैयार नहीं है, तो उसे न कहने की हिम्मत रखना ज़रूरी है। कई बार अनेक कारणों से आप पर एक एक कर कई काम थोप दिए जाते हैं।