लर्निंग को बनाएं मजेदार - बच्चों की लर्निंग क्षमता को बढ़ाने के लिए उसे मजेदार बनाना जरूरी है। बुक से नॉर्मल पढ़ाई से बच्चे बोर होने लगते हैं, जिससे उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता।
व्यायाम कराएं - बच्चे जितनी जल्दी प्रतिदिन व्यायाम करने की आदत विकसित करें, उनके लिए उतना ही अच्छा है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से दिमाग को तेज रहने में मदद मिलती है और दिमाग अच्छे से कार्य करता है।
जोर-जोर से पढ़ने की आदत डालें - बच्चों से कहें कि वह जो भी कुछ पढ़ रहे हैं उसे जोर जोर से पढ़ें। इससे उन्हें खुद अपनी आवाज सुनाई देगी और याद करने में आसानी होगी।
अच्छा श्रोता बनाएं - माता पिता का फर्ज है कि वह अपने बच्चे को एक अच्छा श्रोता बनाएं। ऐसा करने से उनके अंदर न केवल धैर्य का विकास होगा बल्कि वे दूसरों की बातों को सुनेंगे और समझेंगे।
पैटर्न का प्रयोग कर पढ़ाए - पैटर्न के माध्यम से आप उन्हें वर्णमाला सीखने से लेकर वस्तुओं को वर्गीकृत करने तक की जानकारी दे सकती हैं। पैटर्न में कोडिंग और उसे श्रेणीबद्ध कर अभ्यास करने से यह लंबे समय तक याद रहता है।
पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक जरूर लें - लंबे समय तक पढ़ाई के दौरान ध्यान केंद्रित करने के लिए मानसिक विराम लेना जरूरी है। क्योंकि दिमाग को जानकारियां स्टोर करने के लिए थोड़ा समय चाहिए होता है।
ब्राइट कलर का उपयोग करें - ब्राइट कलर्स एक ऐसी चीज है जो हमारे दिमाग में आसानी से आ जाती है और इसलिए इसे आप बच्चों को कुछ समझाने में जरूर इस्तेमाल करें।
पोषक तत्वों की पूर्ति - जब बच्चे एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो याददाश्त काफी हद तक बढ़ जाती है।
नींद है जरूरी - अगर आपका बच्चा भरपूर नींद लें तो इससे उसकी स्मरण शक्ति बढ़ सकती है। नींद में बच्चों की सोचने, समझने और याद करने की शक्ति को बढ़ावा मिलता है।
बच्चों को लेकर जाएं बाहर घुमाने - यह प्रैक्टिस बच्चों की स्मरण शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार है। ऐसे में बच्चों के दायरे को केवल घर तक सीमित ना रखें। उन्हें बाहर घुमाने भी लेकर जाएं।