एप्टीट्यूड के साथ बढ़ें आगे - यदि आप सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और इसे उत्तीर्ण करके भावी प्रशासक बनने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको अपने एप्टीट्यूड में बदलाव लाना चाहिए।
गणित से न डरें - गणित से डरने के बजाय इसे सही नजरिए से देखें, क्योंकि यह गणित का पेपर नहीं है। यह मूलत: तर्कशक्ति परीक्षण यानी रीजनिंग का पेपर है।
पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों की जाँच करें - पिछले दस वर्षों के प्रश्नपत्रों को ध्यान से देख लें। यह जान लें कि किस क्षेत्र से ज्यादा सवाल आते रहे हैं।
रुचिकर विषय को मजबूत कर लें - जिस विषय में आपकी अधिक रुचि है, जिसमें आप मजबूत हैं, उस पर फोकस करते हुए उसमें खुद को मजबूत कर लें, ताकि उस खंड के सभी सवालों को सही-सही हल कर सकें।
आत्मविश्वास कम न होने दें - किसी कारण आइएएस में आपका सिलेक्शन नहीं हुआ, तो और कहीं न कहीं तो होगा ही। इसका भरोसा रखें और अपना आत्मविश्वास कम न होने दें।
धैर्य के साथ करनी होती है तैयारी - सिर्फ किताबें जुटाने और इस बारे में परेशान होने के बजाय सीमित और प्रामाणिक किताबों/संसाधनों से पढ़ें और अपना आकलन करते रहें।
कोचिंग के भरोसे न रहें - कोचिंग आपके सोच को सही दिशा देता है। आपकी नालेज का सही तरीके से उपयोग करना सिखाता है। इसलिए कोचिंग को लेकर भ्रम निकाल दें।
कम शब्दों में प्रभावी लेखन - मुख्य परीक्षा में ज्यादातर सवालों को 150 और 250 शब्दों में ही लिखना होता है। इसलिए लिखने से पहले दो मिनट सोच लें कि मुझे किस तरह सारी बातों को प्रभावी तरीके से लिखना है।
आप कितने जागरूक हैं - साक्षात्कार में आपके व्यक्तित्व का परीक्षण होता है। इसके लिए आपको खुद के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए। आपको जो नहीं पता, उसके बारे में न बताएं।
लीडरशिप क्वालिटी विकसित करें - आप लीडर होने जा रहे हैं, तो आपमें लीडरशिप क्वालिटी होनी ही चाहिए। इस रूप में अपने आपको तराशने का प्रयास लगातार करना चाहिए।