उम्मीदवारों को परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। पेपर पैटर्न के अनुसार, नीट 2023 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएगी। कुल 200 प्रश्न होंगे, जिनमें से उम्मीदवारों को 180 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। नीट परीक्षा पैटर्न 2023 में प्रश्नों को दो खंडों में विभाजित किया जाएगा - खंड ए और बी। खंड ए में 35 प्रश्न होंगे जबकि खंड बी में 15 प्रश्न होंगे।
नीट 2023 की तैयारी सतत सीखने की प्रक्रिया है। हालांकि, मार्गनिर्देश के लिए नीट अध्ययन योजना आवश्यक है क्योंकि यह घर से नीट परीक्षा की तैयारी के तरीके के साथ ही दूसरों से आगे बढ़ने में सहयोग प्रदान करता है। पहली बात यह जान लें कि नीट 2023 की तैयारी के लिए समय अत्यधिक मूल्यांकित है और इसकी थोड़ी सी बर्बादी भी घातक हो सकती है।
स्वाध्याय में दोहरी जिम्मेदारी रहती है। इसमें सीखने के साथ ही लगातार पुस्तकों और अध्ययन सामग्री की तलाश करके जानकारी को बढ़ाने के तरीके खोजने होते हैं। यह एक लाभप्रद प्रक्रिया है क्योंकि अवधारणाओं को पढ़ना कभी व्यर्थ नहीं जाता है।
घर पर नीट की तैयारी के लिए नियमित होना बेहद जरूरी होगा। चूंकि आप कोचिंग क्लासरूम का हिस्सा नहीं होंगे, इसलिए आपको अपना टाइम टेबल डिजाइन करने के साथ-साथ उसका कड़ाई से पालन भी करना होगा। ऐसे में एक सहज और परेशानीरहित टाइम टेबल लक्ष्य पाने के लिए निरंतरता बनाए रखने में सहायक होगी। हर छात्र की पढ़ाई का अपना अलग तरीका होता हैं।
नीट 2023 पाठ्यक्रम पर एक नज़र डालने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कक्षा 11 और 12 की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें महत्वपूर्ण टॉपिक्स का आधार हैं। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में भी इन पाठ्यपुस्तकों का पालन किया जाता है। इसलिए, आपको घर से नीट की तैयारी को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों को समझकर पढ़ना चाहिए।
जब कोई घर से नीट की तैयारी करता है, तो सीखी गई अवधारणाओं की स्पष्टता की जांच करने के लिए प्रश्नों का अभ्यास करना अनिवार्य होता है। इससे नीट प्रश्नों की भाषा की समझ बढ़ती है। मॉक टेस्ट का अभ्यास करना उतना ही आवश्यक है जितना कि अवधारणाओं को समझना। नीट मॉक टेस्ट को हल करने से निर्धारित समय में पेपर पूरा करने की आदत भी विकसित होती है।
स्व-मूल्यांकन से इस बात की बेहतर जानकारी मिल जाती है कि आपने कौन सा भाग तैयार कर लिया है और आप कहाँ पिछड़ रहे हैं। इससे बिना किसी भेदभाव के कमियाँ पता लग जाती हैं। एक अच्छी अवधारणात्मक समझ विकसित करने के लिए यह आवश्यक है। हर नई अवधारणा पढ़ने के बाद स्वयं का परीक्षण करने से न केवल याद रखने की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि छूटी हुई या गलत समझी गई अवधारणाओं के बारे में भी पता चल जाएगा। इसलिए अपने परीक्षक खुद बनें!
नियमित रूप से न दोहराने पर मानव मस्तिष्क चीजों को भुला देता है। ऐसा हममें से अधिकांश के साथ होता है। लेकिन जब कोई घर से नीट की तैयारी कर रहा हो तो अवधारणात्मक जानकारी भूलने का जोखिम नहीं लिया जा सकता। ऐसे में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आपके टाइम टेबल में एक दिन केवल दोहराने के लिए ही रखा गया हो या आप हर दूसरे दिन सोने से पहले या हर सुबह तरोताजा होकर उठने के बाद अवधारणाओं को दोहराएँ!
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