पावर ऑफ वन - किसी एक प्रश्न-टाइप को सॉल्व करने के बहुत सारे तरीके ना सीखें बल्कि एक विधि सीख कर उस पर मास्टरी हासिल करें।
मास्टरी हासिल करें - एक मेथड सीख कर उसमें मास्टरी हासिल करें ताकि वो आपके 'सब-कॉन्शियस' का हिस्सा बन जाए। लेसन - ज्यादा टेक्नीक्स हमेशा अच्छी टेक्नीक नहीं होती
टेबल्स, स्क्वेयर्स, क्यूब्स और परसेंटेज, फ्रैक्शंस की टेबल्स याद रखें - कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स के मैथ्स सेक्शन में टेबल्स (पहाड़े), स्केवयर्स (वर्ग), क्यूब्स (घन) को याद न रखना, आपको गंभीर हानि पंहुचा सकता है।
कॉन्सेप्ट्स को पकड़ें - पहले पूरे टॉपिक के कॉन्सेप्ट को समझें और किसी टॉपिक के एक या दो थम्ब रूल याद रखें। इसमें पहली बार समय जरूर ज्यादा लगेगा लेकिन कॉन्फिडेंस जबरदस्त बनेगा।
वर्किंग बैकवर्ड फ्रॉम ऑप्शन - प्रश्न को सीधे (फॉरवर्ड) हल करने के बजाय, ऑप्शंस का उपयोग कर उल्टा हल करना कुछ सवालों में बढ़िया रहता है।
इक्वेशन सेटिस्फाई करवाना - इक्वेशन सॉल्व करने के बजाय दिए गए ऑप्शंस से वैल्यूज इक्वेशन में रख कर सेटिस्फाई करवाना, एक उपयोगी विधि है।
फॉर्मूले न रटें - फॉर्मूलों के साथ समस्या है कि उनका दायरा काफी छोटा होता है। मतलब यदि प्रश्न को जरा-सा भी बदल दिया जाए तो फिर वह फार्मूला उपयोगी नहीं रह जाता।
रूलिंग आउट द ऑप्शंस - सही उत्तर को ढूंढने के बजाय, गलत उत्तरों को हटाते जाना भी एक कारगर विधि है। किसी चार ऑप्शन के पेपर में, यदि आप तीन ऑप्शंस को हटाने में कामयाब होते हैं, तो आप निश्चित उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।