इंजीनियरिंग करने के बाद भी भारत में क्यों नहीं मिल रही नौकरी?

इंजीनियरिंग एक पॉपुलर क्षेत्र है और बहुत सारे लोग इसमें करियर बनाना चाहते हैं। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है और नौकरियों की मांग कम हो सकती है। 

बढ़ती प्रतिस्पर्धा:

 इंजीनियरिंग की डिग्री होने के बावजूद, कुछ क्षेत्रों में कंपनियाँ उन नौकरियों को पसंद करती हैं जो काम के अनुभव और प्रैक्टिकल ज्ञान के साथ हैं। 

डिग्री का योग्यता से मेल नहीं खाना:

कई बार शैक्षिक गुणवत्ता और विभिन्न कौशलों की कमी के कारण नौकरी नहीं मिलती। डिग्री के साथ-साथ आवश्यक कौशलों का भी प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण होता है। 

शैक्षिक मिलानसर:

कुछ बार इंजीनियरिंग के शिक्षा प्रणाली में विशिष्टीकरण की कमी होती है जिसके कारण विद्यार्थियों को अपनी पसंदीदा क्षेत्र में उपयुक्त तरीके से तैयार नहीं किया जा सकता। 

विशिष्टीकरण की कमी:

कई बार आर्थिक संकट के कारण कंपनियों की नौकरियों में कटौती होती है और नौकरियों की संख्या में कमी हो सकती है। 

आर्थिक परिस्थितियाँ:

देश में विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या में असमानता हो सकती है, जिससे कुछ क्षेत्रों में ज्यादा, तो कुछ में कम नौकरियाँ होती हैं। 

क्षेत्र संकुचन:

 कई बार नौकरियों में अपुनर्माणिकता या नौकरी की अस्थायिता हो सकती है, जिससे नौकरी में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं आवेदक 

अपुनर्माणिकता:

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