इंजीनियरिंग एक पॉपुलर क्षेत्र है और बहुत सारे लोग इसमें करियर बनाना चाहते हैं। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है और नौकरियों की मांग कम हो सकती है।
इंजीनियरिंग की डिग्री होने के बावजूद, कुछ क्षेत्रों में कंपनियाँ उन नौकरियों को पसंद करती हैं जो काम के अनुभव और प्रैक्टिकल ज्ञान के साथ हैं।
कई बार शैक्षिक गुणवत्ता और विभिन्न कौशलों की कमी के कारण नौकरी नहीं मिलती। डिग्री के साथ-साथ आवश्यक कौशलों का भी प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण होता है।
कुछ बार इंजीनियरिंग के शिक्षा प्रणाली में विशिष्टीकरण की कमी होती है जिसके कारण विद्यार्थियों को अपनी पसंदीदा क्षेत्र में उपयुक्त तरीके से तैयार नहीं किया जा सकता।
कई बार आर्थिक संकट के कारण कंपनियों की नौकरियों में कटौती होती है और नौकरियों की संख्या में कमी हो सकती है।
देश में विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या में असमानता हो सकती है, जिससे कुछ क्षेत्रों में ज्यादा, तो कुछ में कम नौकरियाँ होती हैं।
कई बार नौकरियों में अपुनर्माणिकता या नौकरी की अस्थायिता हो सकती है, जिससे नौकरी में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं आवेदक