यह फील्ड इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म के एप्लीकेशन से रिलेटेड, जो छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स के डिजाइन, डेवलपिंग और टेस्टिंग के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देने पर केंद्रित है
आज भी 4 साल का ग्रेजुएशन प्रोग्राम सबसे लोकप्रिय है। इसके लिए छात्र साइंस से 12वीं कक्षा पास करने के बाद आवेदन कर सकते हैं। वहीं छात्र चाहे तो अपने पसंद के अनुसार 10वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स तेजी से छात्रों के बीच एक पॉपुलर इंजीनियरिंग सब्जेक्ट बनता जा रहा है। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग को चार कोर्स/प्रोग्राम में बांटा गया है
यह कोर्स छात्रों को इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा प्रदान करता है और कक्षा 10 वीं और कक्षा 12वीं दोनों के बाद किया जा सकता है। पाठ्यक्रम की अवधि 3 वर्ष है।
यह चार साल की अवधि का कोर्स है जो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक (Bachelors of Technology) की ग्रेजुएशन डिग्री है। आप 12वीं कक्षा से सफल उत्तीर्ण होने के बाद यह कोर्स कर सकते हैं।
यह कोर्स छात्रों को इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा प्रदान करता है और कक्षा 10 वीं और कक्षा 12वीं दोनों के बाद किया जा सकता है। पाठ्यक्रम की अवधि 3 वर्ष है।
यह 3 साल की अवधि का कोर्स है जो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में पीएचडी डिग्री है। इस कोर्स को करने के लिए छात्रों के लिए रिलेवेंट सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री आवश्यक है।
यहां पर वर्क की प्रवृत्ति इनडोर ज्यादा है। ऐसे में किसी प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान सामाजिकता के अवसर नहीं बचते। तकनीक के साथ प्रोजेक्ट की जरूरत के अनुसार नया करने की चुनौती हमेशा रहती है।
इसमें मुख्य रूप से जूनियर इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर, कंट्रोल एंड इंस्टूमेंशन इंजीनियर, डिजाइन इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट इंजीनियर, मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम इंजीनियर, सिस्टम एनालिस्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, आईटी कंसल्टेंट, सिस्टम डेवलपर, नेटवर्क इंजीनियर आदि।