कक्षा 12वीं के बाद फाइनेंस तथा अकाउंटेंसी में करियर विकल्प

फाइनेंस और अकाउंटेंसी में करियर स्कोप -  वास्तव में प्राइवेट या पब्लिक सेक्टर दोनों में ही अकाउंटेंसी और फाइनेंस प्रोफेशनल तथा स्पेशलिस्ट की आवश्यकता होती है। बीमा और अकाउंटेंसी फर्मों, निवेश बैंकिंग उद्योग, कराधान और कानून इत्यादि में अकाउंटेंसी और फाइनेंस प्रोफेशनल की मांग दिन प्रति दिन बढ़ रही है। 

चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA)-  चार्टर्ड अकाउंटेंसी 12वीं कक्षा के बाद अकाउंटेंसी और फाइनेंस में करियर बनाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प में से एक है। यह एक ऐसा प्रोफेशनल कोर्स है जिसके लिए छात्रों को निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है। 

सीए फाउंडेशन कोर्स -  सीए कोर्स का पहला स्तर सीए फाउंडेशन कोर्स है तथा छात्र कक्षा 12वीं पास करने के बाद इस फाउंडेशन कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। सीए सीपीटी की परीक्षा वर्ष में दो बार यानी जून और दिसंबर में होती है जो फाउंडेशन कोर्स में पंजीकृत छात्रों के लिए आयोजित की जाती है। 

सीए इंटरमीडिएट कोर्स -  सीपीटी कोर्से में क्वालीफाई होने के बाद छात्र सीए इंटरमीडिएट कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, जिन छात्रों ने कम से कम 55% के साथ वाणिज्य में स्नातक किया है उन्हें सीपीटी परीक्षा नहीं देनी पड़ती है। 

सीए फाइनल कोर्स - सीए की इंटरमीडिएट स्तर की परीक्षा में योग्यता प्राप्त करने वाले छात्र सीए फाइनल के पाठ्यक्रम में आगे बढ़ने के पात्र होते हैं। सीए फाइनल के पाठ्यक्रम की योग्यता के बाद, छात्रों को योग्य चार्टर्ड एकाउंटेंट माना जाता है। 

सीए कोर्स के लिए योग्यता -  वे छात्र जिन्होंने स्टेट या नेशनल एजुकेशन बोर्ड से कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की शिक्षा प्राप्त की है वे सीए कोर्स के लिए पात्रता रखते है। 

कास्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (CMA) -  यह तीन स्तरों पर कास्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट का पाठ्यक्रम प्रदान करती है यानी सीएमए फाउंडेशन, सीएमए इंटरमीडिएट और सीएमए फाइनल कोर्स। योग्य छात्रों को CMA कोर्स करने के लिए सबसे पहले सभी स्तरों को क्वालीफाई करना आवश्यक है। 

सीएमए कोर्स के लिए योग्यता -  वे छात्र जिन्होंने स्टेट या नेशनल एजुकेशन बोर्ड जोकि ICMAI से recognized हो, उससे कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की शिक्षा प्राप्त की हो वे सीएमए कोर्स के लिए पात्रता रखते है। 

बैचलर ऑफ कॉमर्स (B.Com) -  12वीं के बाद कॉमर्स में तीन साल का ग्रेजुएशन करना चाहते हैं तो बीकॉम एक अच्छा ऑप्शन है। इस डिग्री की मदद से आप अकाउंटिंग फाइनांस, ऑपरेशंस, टेक्सेशन और दूसरे कई फील्ड्स में अपना करियर बना सकते हैं। 

बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स के लिए योग्यता -  जिन छात्रों ने न्यूनतम क्वालीफाइंग अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम में अपनी कक्षा 12वीं की शिक्षा पूरी की है वह B.Com में एडमिशन लेने के योग्य होते हैं। 

बीबीए इन अकाउंटेंसी एंड फाइनेंस कोर्स -  यह तीन साल का कोर्स होता है, जिसमें स्‍टूडेंट्स को बिजनेस एडमिनिस्‍ट्रेशन के स्किल्स सिखाए जाते हैं। इस कोर्स को पूरा करने के बाद स्‍टूडेंट्स विभिन्‍न कंपनियों के एचआर, फाइनांस, एड-सेल्‍स और मार्केटिंग डिपार्टमेंट्स में जॉब के लिए एप्‍लाई कर सकते हैं। 

बीबीए इन अकाउंटेंसी एंड फाइनेंस कोर्स के लिए योग्यता -  जिन छात्रों ने न्यूनतम क्वालीफाइंग अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम में अपनी कक्षा 12वीं की शिक्षा पूरी की है वह बीबीए इन अकाउंटेंसी एंड फाइनेंस में एडमिशन लेने के योग्य होते हैं। 

बैचलर्स ऑफ़ आर्ट्स इन इकोनॉमिक्स -  बैचलर्स ऑफ़ आर्ट्स इन इकोनॉमिक्स में छात्रों को आर्थिक परिदृश्य के बारे में अध्ययन हेतु पूरी जानकारी प्राप्त होती है, क्योंकि फाइनेंस उद्योग में नीतियों, इनपुट और उद्योग आदि तथा रिस्क फैक्टर्स के बारे में पूरी जानकारी होना अनिवार्य है। 

बैचलर्स ऑफ़ आर्ट्स इन इकोनॉमिक्स के लिए योग्यता -  जिन छात्रों ने न्यूनतम क्वालीफाइंग अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम में अपनी कक्षा 12वीं की शिक्षा पूरी की है वह बैचलर्स ऑफ़ आर्ट्स इन इकोनॉमिक्स में एडमिशन लेने के योग्य होते हैं। 

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