कैट या जीमैट-
प्रयासों की संख्या - जीमैट को वर्ष में कई बार दिया जा सकता है, जबकि कैट में वर्ष में एक बार भाग लिया जा सकता है। जहाँ जीमैट की साल में पांच बार परीक्षा दी जा सकती है वहीं कैट में यह फ्लेक्सिबिलिटी नहीं हैं।
क्या परखा जाता है? -
कैट में डेटा और गणितीय विश्लेषण की व्याख्या करने पर अधिक ध्यान रहता है। दूसरी ओर, जीमैट में विश्लेषणात्मक कौशल और भाषाई तर्क पर अधिक ध्यान केंद्रित दिया जाता है।
स्कोर की वैधता -
कैट स्कोर केवल एक वर्ष के लिए वैध होता है। दूसरी ओर, आवेदक के जीमैट स्कोर की वैधता पांच साल की होती है।
संस्थानों की पसंद -
कैट स्कोर आईआईएम और अन्य बी-स्कूलों द्वारा स्वीकार किया जाता है। जीमैट स्कोर को भारतीय संस्थानों के साथ-साथ दुनिया भर के बी-स्कूलों द्वारा स्वीकार किया जाता है।
प्रवेश की सहूलियत -
जब कैट की बात आती है तो पसंद के कॉलेज में प्रवेश मिलना आसान नहीं होता। वहीं जीमैट की बात करें तो आवेदकों के लिए अपनी पसंद का कॉलेज पाना बहुत आसान है।
लागत -
कैट का वर्ष में केवल एक बार आयोजन किया जाता है और परीक्षा शुल्क मात्र 1,800 रुपये है। वहीं जीमैट की लागत 250 डॉलर यानि लगभग 18,000 रूपये (प्रति प्रयास) होगी।
परीक्षण का प्रारूप -
जीमैट एक कंप्यूटर अनुकूलित टेस्ट है। जीमैट टेस्ट में पिछले प्रश्न के आपके प्रदर्शन के आधार पर कठिनाई के स्तर को समायोजित किया जाता है। वहीं कैट के प्रारूप की बात करें तो यह रैखिक होता है।
स्कोर की गणना -
दोनों परीक्षाओं में अंकों की गणना में भी बड़ा अंतर है। कैट को पर्सेंटाइल में स्कोर किया जाता है, जबकि जीमैट निरपेक्ष होता है।
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