भारतीय संसद से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्य

भारतीय संसद से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्य

संसद की संरचना -  संसद भवन की इमारत की संरचना को को सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर ने बनाया था।

83 लाख में बना था संसद भवन - संसद भवन की नींव की पहली ईंट 12 फरवरी 1921 में रखी गयी थी, इसके निर्माण में 6 साल और 83  लाख रुपए का खर्च आया था।

सबसे सस्ती कैंटीन - संसद की कैंटीन सबसे सस्ती कैंटीन है जहाँ महज 12 रुपए मे खाना मिलता है।

सेंट्रल हॉल की महत्ता -  14-15 अगस्त 1947 से पहले इसी हॉल से यूके से भारत में सत्ता का हस्तांतरण इसी हॉल में होता था।

संसद की लाइब्रेरी भी है खास - संसद की लाइब्रेरी देश की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है, पहली नेशनल लाइब्रेरी कोलकाता में है।

सेंट्रल हॉल में था देश का  सुप्रीम कोर्ट - आजादी के बाद नयी सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग बनने तक सेंट्रल हॉल में ही देश का सुप्रीम कोर्ट चलता था।

संहाथ से लिखा संविधान  सुरक्षित है यहाँ - संसद की लाइब्रेरी में भारत के संविधान की हिंदी और अग्रेजी में हाथ से लिखी प्रतिलिपि यहां नाइट्रोजन गैस से भरे चैंबर में सुरक्षित रखा गया है।

नया संसद भवन - मौजूदा संसद भवन के पास ही नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। नया संसद भवन वृत्ताकार न होकर एक तिकोनी इमारत होगी।

संसद की पहली मंजिल  पर हैं 144 खंभे - संसद भवन के पहले तल की बालकनी में 144 पिलर्स हैं।

घोड़े के पैर की संरचना पर बने हैं दोनों सदन - संसद भवन के दोनों सदन यानि लोकसभा और राज्यसभा हॉल का आकार घोड़े के पैर के आकार का है।

उद्घाटन - संसद भवन का उद्घाटन उस समय के वायसराय लार्ड इरविन ने किया था। उद्घाटन की तारीख 18 जनवरी, 1927 थी।

गोलाकार है संसदी भवन  की संरचना -  संसद की गोलाकर संरचना निरंतरता की प्रती है, यह संरचना यह दर्शाती है यह सत्ता बनी रहेगी और कभी खत्म नहीं होगी।

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