हिंदी - 52.83 करोड़ वक्ताएं - हिंदी भारत में सबसे बोली जाने वाली भाषा है. यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली समेत देश के लगभग सभी राज्यों में बोली जाती है।
बंगाली – 9.72 करोड़ वक्ताएं - बंगाली एक भारतीय-आर्यन भाषा है जो ज्यादातर दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यहाँ भारत की दूसरी सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा बंगाली है, जिसे 9.72 करोड़ नागरिकों द्वारा बोली जाती है यानी कुल जनसंख्या का 8.03 प्रतिशत।
मराठी – 8.30 करोड़ वक्ताएं - देश में कुल 8.30 करोड़ लोग मराठी बोलते हैं, जो कुल जनसंख्या का 6.86 प्रतिशत है। मराठी एक भारतीय-आर्य भाषा है जो गोवा और महाराष्ट्र समेत देश के पश्चिमी हिस्सों में राज्यों की आधिकारिक भाषा के रूप में बोली जाती है।
तेलुगु – 8.11 करोड़ वक्ताएं - तेलुगु एक द्रविड़ भाषा है जो भारत में व्यापक रूप से देश के कई राज्यों में बोली जाती है. यह भाषा मुख्य रूप से आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और यानम राज्यों में बोली जाती है।
तमिल – 6.90 करोड़ वक्ताएं - तमिल भाषा की जड़ें द्रविड़ भाषा के साथ जुड़ी हुई हैं। हालांकि यह सिंगापुर और श्रीलंका दोनों की आधिकारिक भाषा है, यह भारत में भी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।
गुजराती – 5.54 करोड़ वक्ताएं - गुजराती एक भारतीय-आर्य भाषा है जिसे भारत में 5.54 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। यह गुजरात की आधिकारिक भाषा है, जो कि उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है।
उर्दू – 5.07 करोड़ वक्ताएं - भारत में लगभग 5.07 करोड़ उर्दू वक्ताएं हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना और झारखंड राज्यों में उर्दू एक आधिकारिक भाषा के रूप में सूचीबद्ध है।
कन्नड़ – 4.37 करोड़ वक्ताएं - तमिल की तरह कन्नड़ भी एक द्रविड़ भाषा है। यह भारत में 4.37 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। क्या आप जानते हैं कि कन्नड़ दुनिया की सबसे पुरानी जीवित भाषाओं में से एक है।
ओड़िया – 3.75 करोड़ वक्ताएं - ओड़िया भारत की आधिकारिक भाषा है और अशिकांश वक्ताएं ओडिशा राज्य में केन्द्रित हैं। देश भर में 3.75 करोड़ वक्ताओं द्वारा यह भाषा बोली जाती है।
मलयालम – 3.48 करोड़ वक्ताओं - भारत में 3.48 करोड़ वक्ताओं की अनुमानित संख्या मलयालम बोलती है, जो केरल, पुडुचेरी और लक्षद्वीप राज्यों में बोली जाती है। इस भाषा की जड़ें भी द्रविड़ भाषाओं में से ही हैं।