भारत में इंजीनियर्स के लिए उपलब्ध हैं ये विशेष करियर्स
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी -
ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशन बोर्ड से साइंस के विभिन्न विषयों के साथ अपनी 12वीं क्लास प्रथम श्रेणी में पास की हो, यूजीसी से मान्यताप्राप्त किसी यूनिवर्सिटी से रिन्यूएबल एनर्जी की फील्ड में बीएससी या बीटेक कोर्स कर सकते हैं।
जिन छात्रों ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से रिन्यूएबल एनर्जी में बी.एससी या बी.टेक पाठ्यक्रम में स्नातक की डिग्री पूरी की है, वे इस क्षेत्र में एमएससी या एम.टेक की डिग्री हासिल कर सकते हैं।
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी में विशेष करियर ऑप्शन्स -
एनर्जी इंजीनियर्स - यह पेशा या इंजीनियरिंग फील्ड रिन्यूएबल एनर्जी से सह-संबद्ध है और इन पेशेवरों का प्रमुख काम प्राकृतिक संसाधनों से तेल और गैस जैसा एनर्जी उत्पादन करना और इस संबंध में रिसर्च वर्क करना होता है।
ग्रीन बिल्डिंग इंजीनियर्स - ये पेशेवर पर्यावरण के अनुकूल इमारतों और मशीनरी आदि को डिजाइन करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। ये लोग ऐसे डिजाइन बनाते हैं जिनमें कम पानी का इस्तेमाल हो और सोलर या विंड एनर्जी का इस्तेमाल किया जा सके।
लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स - रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग की फील्ड और सोलर, विंड, हाइड्रो और अन्य एनर्जी फ़ील्ड्स में स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए ये एक्सपर्ट्स अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं।
टेक्निकल प्रोडक्ट मैनेजर्स - ये पेशेवर लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल करके नए प्रोडक्ट्स तैयार करने के साथ ही उपलब्ध प्रोडक्ट्स में सुधार करने में अपनी काबिलियत का इस्तेमाल करते हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर्स - ये पेशेवर विंड एनर्जी और सोलर पॉवर जैसे क्लीन एनर्जी सोर्सेज से एनवायरनमेंट के अनुकूल एनर्जी प्रोडक्शन को लगातार बढ़ाने की कोशिश करते हैं।
वाटर नेटवर्क प्लानिंग इंजीनियर्स - इन पेशेवरों का काम वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की प्लानिंग बनाना और डिजाइन तैयार करना है ताकि पानी जैसे प्राकृतिक संसाधन का समुचित उपयोग हो सके।
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