भारत में मैनेजमेंट की विभिन्न फ़ील्ड्स में हैं बेशुमार करियर ऑप्शन्स

ऑपरेशंस मैनेजमेंट - अगर आप विपरीत परिस्थितियों को आसानी से हैंडल कर लेते हैं और तकनीक में आपकी रुचि है, तो आप यह स्पेशलाइजेशन ऑप्ट कर सकते हैं।यह क्वॉलिटी कंट्रोल और प्रॉडक्टिविटी इंप्रूवमेंट में अहम भूमिका निभाता है।

फाइनैंस -  नंबरों से खेलने का शौक रखने वाले इस लाइन में जा सकते हैं। ये लोग बैक एंड पर काम करते हैं और इंवेस्टमेंट बैंकिंग, मर्चेंट बैंकिंग, कॉरपोरेट फाइनेंस वगैरह की रीढ़ की हड्डी होते हैं।

सिस्टम मैनेजमेंट - यह स्पेशलाइजेशन आईटी से ताल्लुक रखता है और अच्छी टेक्निकल व बिजनेस समझ रखने वालों को इसे चुनना चाहिए। इसके बाद आपको सिस्टम कंसल्टेंसी, अकाउंट या प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट वगैरह में प्लेसमेंट मिल सकता है।

ह्यूमन रिसॉर्स मैनेजमेंट - इसमें काम करने वाले लोगों पर पूरे ऑफिस के लोगों का मैनेजमेंट होता है। इसके लिए आपके पास अच्छा व्यक्तित्व, अच्छी तरह बात करने की क्षमता और रिश्ते बनाने की कला का होना बेहद जरूरी है।

स्पेशलाइज्ड एमबीए - कुछ इंस्टिट्यूस प्लेसमेंट्स को ध्यान में रखकर कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जिनमें रूरल मैनेजमेंट, रिटेल मैनेजमेंट, टेलिकॉम मैनेजमेंट, इंश्योरेंस मैनेजमेंट, फॉरिन ट्रेड उल्लेखनीय हैं।

इस तरह के हैं कोर्स-  एमबीए में दो साल की डिग्री के अलावा, एक साल का फुल टाइम प्रोग्राम, पार्ट टाइम एमबीए, डिस्टेंस लर्निंग एमबीए जैसे ऑप्शंस हैं। हालांकि हर पार्ट की अपनी-अपनी खूबी और खामियां हैं। मसलन किसी में आपको ट्यूशन असिस्टेंट नहीं मिलेगी, तो किसी के साथ इंटर्नशिप का चांस नहीं मिलेगा। 

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