भारत में कैसे शुरू हुई बजट की प्रथा?

भारत में कैसे शुरू हुई बजट की प्रथा?

बजट शब्द की उत्पति -  बजट शब्द की उत्पति लातिन शब्द बुल्गा से हुई। बुल्गा का अर्थ होता है चमड़े का थैला। इसी से बाद में फ्रांसीसी शब्द बोऊगेट बना। इसके बाद अस्तित्व में आया अंग्रेजी शब्द बोगेट या बोजेट, फिर यही शब्द बजट बना। 

भारत में बजट की शुरुआत - भारत में पहला बजट जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पेश किया था। जेम्स विल्सन को भारतीय बजट का संस्थापक भी कहा जाता है। भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाला वित्तीय वर्ष 1867 से शुरू हुआ। इससे पहले तक 1 मई से 30 अप्रैल तक का वित्तीय वर्ष होता था। 

स्वतंत्र भारत का पहला बजट - स्वतंत्र भारत का पहला बजट वित्तमंत्री आरके षणमुखम शेट्टी (चेट्‍टी) ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, जबकि गणतंत्र भारत का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था।

बजट की छपाई - बजट पेपर पहले राष्ट्रपति भवन में ही छापे जाते थे, लेकिन 1950 में पेपर लीक हो जाने के बाद से इन्हें मिंटो रोड स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छापा जाने लगा।

हिन्दी में भी तैयार किए जाने लगे बजट दस्तावेज - 1980 से बजट पेपर नॉर्थ ब्लॉक से प्रिंट होने लगे। शुरुआत में बजट अंग्रेजी में बनाया जाता था, लेकिन 1955-56 से बजट दस्तावेज हिन्दी में भी तैयार किए जाने लगे।

गोपनीयता - बजट छपने के लिए भेजे जाने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है। गोपनीयता बरतने के लिए इस दौरान नॉर्थ ब्लॉक में पॉवरफुल मोबाइल जैमर भी लगाया जाता है, ताकि जानकारियां लीक न हो सकें।

प्रधानमंत्री द्वारा पेश बजट - 1958-59 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट पेश किया, उस समय वित्त मंत्रालय उनके पास था। ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने।

पहली महिला वित्तमंत्री - पहली महिला वित्तमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने 1970 में आम बजट पेश किया था। उस समय वे देश की प्रधानमंत्री थीं तथा वित्त मंत्रालय का प्रभार भी उनके पास ही था। भारत के इतिहास में वे इकलौती महिला हैं, जिन्होंने आम बजट पेश किया।

सर्वाधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड - मोरारजी देसाई ने अब तक सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किया है। 6 बार वित्तमंत्री और 4 बार उपप्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने ऐसा किया। इनमें 2 अंतरिम बजट शामिल हैं।

समय बदला - वर्ष 2000 तक अंग्रेजी परंपरा से अनुसार, बजट शाम को 5 बजे प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन 2001 में अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा और शाम की बजाय सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश करने की शुरुआत की गई।

बदली तारीख - 2017 से पहले बजट फरवरी माह के अंतिम कार्य दिवस में पेश किया जाता था, लेकिन 2017 से इसे 1 फरवरी या फरवरी के पहले कार्य दिवस में पेश किया जाने लगा। 2017 के बजट से ही केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेल बजट को आम बजट में समायोजित कर एक और प्रयोग किया।

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