भारत के ये 9 बोर्डिंग स्कूल जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे

मोंटफोर्ट स्कूल, यरकौड

मोंटफोर्ट स्कूल, यरकौड लड़के और लड़कियों के लिए माध्यमिक स्कूल है. यह भारत के तमिलनाडु राज्य में सालेम के पास यरकौड शहर में सेंट गैब्रीएल के   मोंटफोर्ट ब्रदर्स द्वारा चलाया जाने वाला आवासीय संस्थान है. प्रथम विश्व युद्ध   के दौरान स्थापित यह स्कूल आरंभ में एक यूरोपीय स्कूल था I

दून स्कूल, देहरादून

यह भारत का देहरादून स्थित बोर्डिंग स्कूल है जो सिर्फ लड़कों के   लिए है. भारत के अव्वल स्कूलों में से एक दून स्कूल की स्थापना 1935 में कलकत्ता   के वकील सतीश रंजन दास द्वारा की गई थी.राजीव गांधी, राहुल गांधी, प्रणय रॉय, करण थापर, शिवेंद्र मोहन सिंह जैसे व्यक्तित्व यहां के पूर्व छात्र रहे हैं I

सेंट मैरी हाई स्कूल, माउंट आबू

राजस्थान के अरावली पर्वतमाला में माउंटआबू के रेगिस्तान में शहरी   जीवन की आपाधापी से दूर स्थित निजी कैथोलिक स्कूल का संचालन आयरिश ईसाई भाईयों   द्वारा किया जाता है. यह स्कूल लड़कों के लिए है और यहां डे (स्कूल के बाद घर   वापस जाने वाले) और बोर्डिंग (आवासीय) दोनों ही प्रकार के छात्रों का दाखिला   होता है

डलहौजी पब्लिक स्कूल, डलहौजी   

तीन दशक पहले स्थापित यह स्कूल सह–शिक्षा वाला बोर्डिंग स्कूल   है.मूल रूप से सैनिकों के वापस लौटने की याद में ब्रिटिश सेना द्वारा स्थापित यह स्कूल अब एक छोटा आत्मनिर्भर छात्र बस्ती बन चुका है. यह केंद्रीय माध्यमिक   शिक्षा बोर्ड सीबीएसई से संबद्ध है.

बिशप कॉटन स्कूल, शिमला

28 जुलाई 1859 को बिशप जॉर्ज एडवॉर्ड लिंच कॉटन द्वारा स्थापित यह   स्कूल एशिया में लड़कों के लिए बनाए गए सबसे पुराने बोर्डिंग स्कूलों में से एक   है.इनमें से कुछ प्रतिष्ठित पूर्व छात्र हैं– जस्टिस आर. एस. सोढ़ी, एच. एस.   बेदी आदि . स्कूल के छात्रों में कई छात्र कमीशन अधिकारी रह चुके हैं.

स्टेप बाई स्टेप इंटरनेशनल स्कूल, जयपुर

सीबीएसई से संबद्ध यह स्कूल राजस्थान की राजधानी जयपुर में 35 एकड़   जमीन पर बना प्रमुख स्कूल है.छात्रों के लिए स्कूल में विश्वस्तरीय सुविधाएं   जैसे इंडोर गतिविधियां, मूर्तिकला स्टूडियो, फैशन टेक्नोलॉजी स्टूडियो, भारतीय   लोक नृत्य एवं पाश्चात्य नृत्य कला,नाटक केंद्र और थिएटर, प्रौद्योगिकी एवं   विज्ञान केंद्र हैं.

वेलहम गर्ल्स स्कूल, देहरादून

वर्ष 1957 में स्थापित यह लड़कियों के लिए एक परंपरागत बोर्डिंग  स्कूल है जो हिमालय की तलहटी में देहरादून में स्थित है. यह स्कूल मुख्य रूप से   उत्तर भारत के कुलीन वर्ग की बेटियों के लिए था.स्कूल के उल्लेखनीय पूर्व   छात्रों में बृंदा करात, सुभाषिनी अली, करीना कपूर खान, दीपा मेहता, तवलीन सिंह   और अन्य हैं I

राजकुमार स्कूल, राजकोट  

राजकुमार स्कूल कि स्थापना 1868 ई. में हुई थी I हिम्मतसिंहजी,कुमार श्री दुलीपसिंहजी (प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी),पोरबंदर के महाराणा और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति यहाँ के पूर्व छात्र थे.

मायो कॉलेज, अजमेर

राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित मायो कॉलेज सिर्फ लड़कों के लिए बना स्वतंत्र बोर्डिंग स्कूल है. इसकी स्थापना 1875 में रिचर्ड बुर्के ने की थी.यह भारत के सबसे पुराने सार्वजनिक बोर्डिंग स्कूलों में से एक है. प्रसिद्ध पूर्व छात्रों में शामिल हैं– राजनीतिज्ञ के. नटवर सिंह, लेखक इंद्र सिन्हा, फिल्म निर्देशक टीनू आनंद, अभिनेता विवेक ओबेरॉय, थिएटर के कलाकार आमिर रजा हुसैन और अन्य.

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