पढ़ाई का माहौल व जगह बनाएं - बच्चों को पढ़ाने के लिए शांत जगह का चुनाव करें। हॉल में बैठें तो टीवी बंद रखें। आसपास ऐसी कोई चीज न रखें, जिससे बच्चों का ध्यान भटके।
रोज पढ़ाने की आदत डालें - रोज खुद बच्चों को पढ़ाएं। घर पर भी पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाएं। हर सब्जेक्ट के लिए समय व दिन तय करें। उसके हिसाब से ही पढ़ाएं।
पढ़ाएं, लेकिन बीच में ब्रेक दे-देकर - बच्चों को लगातार घंटों तक न पढ़ाएं। शुरुआत में एक घंटा रखें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। ब्रेक जरूर दें, लेकिन वह इतना लंबा भी न हो कि पढ़ाई का मूड ही खत्म हो जाये।
पढ़ाई का सारा सामान साथ लेकर पढ़ने बैठें - पढ़ाई के वक्त जिन-जिन चीजों की जरूरत होगी, वो सब साथ लेकर बैठें, क्योंकि पढ़ाई के दौरान बार-बार किसी चीज को लाने के लिए उठकर जाने से फोकस खत्म हो जाता है।
जल्दी सोना और जल्दी उठना सिखाएं - पढ़ाई का मतलब ये नहीं है कि नींद भी छूट जाये। अगर वे ठीक से नहीं सोयेंगे तो पढ़ाई में फोकस नहीं कर पायेंगे। थकावट दिनभर बनी रहेगी।
हर काम समय पर हो - कई बार बच्चे किसी काम को नापसंद करते हैं अगर वे कोई काम टाल रहे हैं, तो उसकी वजह पूछें। हो सकता है कि उसे काम में किसी खास चीज से डर लगता हो। समझ नहीं आती हो।
पढ़ाई का महत्व समझाएं - बच्चों को कैरियर को लेकर ‘प्लान बी’ बनाने के महत्व बताएं। बच्चों को जरूर समझाएं कि वे जो चाहे बन सकते हैं, लेकिन बेसिक पढ़ाई यानी ग्रेजुएट होना जरूरी है। ये हर फील्ड के लिए जरूरी है।
बच्चों को दे प्रोत्साहन - बच्चों के लिए छोटी-छोटी चीजें भी बड़ी उपलब्धि होती है यदि बच्चे ने कोई चैप्टर पूरा कर लिया है या ये आपने जो टास्क दिया था, वो पूरा कर लिया है, तो उसे शाबाशी दिल खोलकर दें। घरवालों के बीच तारीफ करें।