पैटर्न में किये गए है बदलाव - पिछले पांच वर्षों में Union Public Service Commission’s के सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन पैटर्न में कई छोटे-बड़े बदलाव किए गए।
प्रीलिम्स में नहीं किये गए है बदलाव - प्रीलिमिनरी एग्जाम के अटेम्प्ट, उम्र सीमा और एग्जाम पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किए गए. पर मेन्स परीक्षा इन 5 वर्षों में काफी बदल चुका है।
CSE मेन्स - साल 2012 में UPSC ने तय किया कि CSE मेन्स को ज्यादा तार्किक बनाया जाना चाहिए. लिहाजा परीक्षा के पैटर्न को पूरी तरह बदल दिया गया।
ऑप्शनल पेपर - दो ऑप्शनल पेपर को अलग-अलग दो परीक्षाओं में विभाजित कर दिया गया और दो जनरल स्टडीज पेपर व एक लेख को जोड़ा गया।
मेन्स परीक्षा का सिलेबस - साल 2013 में मेन्स परीक्षा के सिलेबस को और भी विशिष्ट और परिभाषित कर दिया गया। इस साल भी मेंस की परीक्षा में कई बदलाव किए गए।
ऑप्शनल सब्जेक्ट - उम्मीदवार के एप्टीट्यूड की जांच करने के लिए UPSC ने ऑप्शनल सब्जेक्ट को सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट (CSAT) से बदल दिया।
सवालों की संख्या एवं वर्ड लिमिट - ऑपश्नल पेपर को दो की जगह एक कर दिया गया। इसमें सवालों की संख्या बढ़ा दी गई पर लेखों की वर्ड लिमिट घटा दी गई।
एग्जाम अटेम्प्ट एवं उम्र सीमा - साल 2014 में UPSC ने एग्जाम अटेम्प्ट 4 से 6 कर दिया और उम्र सीमा 30 से 32 बढ़ा दी गई।