Class 11 Hindi Aroh NCERT Solutions for Chapter 17 (Updated for 2021-22)

NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 17

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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 17: Overview

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They clarify the poem’s underlying meaning and context, making it simple for students to recognise the poet’s point of view. Learning this from our NCERT solutions provides students an advantage because they will have more information and will be able to answer all of the questions in the exam.

Ghazal

Dushyant Kumar’s Hindi Ghazal is discussed in Chapter 17 of the CBSE Class 11 syllabus. He discusses how politicians spread misinformation and how the citizens’ safety is jeopardised. He wishes to leave this cruel civilization and travel to a utopian location that will provide him with some relief. 

Various facets of the inhabitants’ situation are explained through the use of various images. For those who are unable to change their circumstances, the dream world is their only option.

The NCERT solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 17 explain both the literal and underlying meanings of the poetry, which are not obvious at first look.

The underlying meaning, on the other hand, is critical for students to understand because it will help them understand their concepts and answer any type of inquiry.

Furthermore, the website discusses question-based answers that may emerge in the examination. As a result, the students are being prepared in every way possible.

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गजल के साथ
प्रश्न 1:
आखिरी शेर में गुलमोहर की चर्चा हुई है। क्या उसका आशय एक खास तरह के फूलदार वृक्ष से है या उसमें कोई सांकेतिक अर्थ निहित है। समझाकर लिखें।
उत्तर –
अंतिम शेर में गुलमोहर का शाब्दिक अर्थ तो एक खास फूलदार वृक्ष से ही है, पर सांकेतिक अर्थ बड़ा मार्मिक है। इस शेर में कवि दुष्यंत कुमारे यह बताना चाहते हैं कि जीवन वही उत्तम है जो अपने घर की सुखद छाया में है और मरना वह उत्तम है कि दूसरों को सुख देने के लिए मरा जा सके।

प्रश्न 2:
पहले शेर में ‘चिराग’ शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में। अर्थ एवं काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्व है?
उत्तर –
पहले शेर में ‘चिराग’ शब्द का बहुवचन, ‘चिरागाँ’ का प्रयोग हुआ है। इसका अर्थ था-बहुत-सारी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करवाना, दूसरी बार यह एकवचन में प्रयुक्त हुआ है। इसमें इसका अर्थ है-सीमित सुविधाएँ मिलना। दोनों का अपना महत्व है। बहुवचन के रूप में यह कल्पना को बताता है, जबकि दूसरा रूप यथार्थ को दर्शाता है। कवि ने एक ही शब्द का प्रतीकात्मक व लाक्षणिक शब्द करके अपनी अद्भुत कल्पना क्षमता का परिचय दिया है।

प्रश्न 3:
गजल के तीसरे शेर को गौर से पढ़ें। यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर है?
उत्तर –
न हो कमीज़ तो पावों से पेट बँक लेंगे,
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए।
यहाँ उन लोगों की ओर इशारा किया गया है जो हीनता और तंगहाली अथवा अभाव के समय तन ढकने के लिए कमीज़ पाने का प्रयास नहीं करते वरन् उस अभावग्रस्त दशा में अपने पैरों से पेट ढककर जीवन जी लेते हैं। उनके लिए मुनासिब शब्द का प्रयोग करता हुआ कवि यह भी स्पष्ट कर देना चाहता है कि जीवन की यह शैली अपनानेवाले ही आज जी सकते हैं।

प्रश्न 4:
आशय स्पष्ट करें:
तेरा निजाम है सिल दे जुबान शायर की,
ये एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए।
उत्तर –
इसमें कवि शायरों और शासक के संबंधों के बारे में बताता है। शायर सत्ता के खिलाफ लोगों को जागरूक करता है। इससे सत्ता को क्रांति का खतरा लगता है। वे स्वयं को बचाने के लिए शायरों की जबान अर्थात् कविताओं पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। जैसे गजल के छद के लिए बंधन की सावधानी जरूरी है, उसी तरह शासकों को भी अपनी सत्ता कायम रखने के लिए विरोध को दबाना जरूरी है।

गजल के आस-पास
प्रश्न 1:
दुष्यंत की इस गजल का मिजाज बदलाव के पक्ष में है। इस कथन पर विचार करें।
उत्तर –
गज़ल को बार-बार पढ़कर सहपाठियों के साथ विचार करें, परस्पर चर्चा करें कि दुष्यंत किस बात से खिन्न हैं और व्यवस्था में बदलाव क्यों चाहते हैं? उपर्युक्त प्रश्न परिचर्चा के आयोजन के लिए है।

प्रश्न 2:
‘हमको मालूम है जनत की हकीकत लेकिन
दिल के खुश रखने को गालिब ये खयाल अच्छा है”
दुष्यंत की गजल का चौथा शेर पढ़ें और बताएँ कि गालिब के उपर्युक्त शेर से वह किस तरह जुड़ता है?
उत्तर –
दुष्यंत की गजल पर चौथा शेर है-
खुदा नहीं, न सही, आदमी का ख्वाब सही,
कोई हसीन नजारा तो है नजर के लिए।
गालिब के शेर से यह शेर पूरी तरह प्रभावित है। दोनों का अर्थ एक जैसा है। गालिब ‘जन्नत’ को तथा दुष्यंत खुदा को मानव की कल्पना मानते हैं। दोनों इनके अस्तित्व को मन संतुष्ट रखने का कारण मानते हैं।

प्रश्न 3:
‘यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है’ यह वाक्य मुहावरे की तरह अलग-अलग परिस्थितियों में अर्थ दे सकता है मसलन, यह ऐसी अदालतों पर लागू होता है, जहाँ इंसाफ नहीं मिल पाता। कुछ ऐसी परिस्थितियों की कल्पना करते हुए निम्नांकित अधूरे वाक्यों को पूरा करें-
(क) यह ऐसे नाते-रिश्तों पर लागू होता है, ………….
(ख) यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है,………….
(ग) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है, ………….
(घ) यह ऐसी पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, ………….
उत्तर –
(क) यह ऐसे नाते-रिश्तेदारों पर लागू होता है जो प्यार नहीं करते।
(ख) यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है, जहाँ पढ़ाई नहीं होती।
(ग) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है, जहाँ इलाज नहीं होता।
(घ) यह ऐसी पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, जहाँ सुरक्षा नहीं मिलती।

अन्य हल प्रश्न

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1:
‘गजल’ का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर –
‘गजल” नामक इस विधा में कवि राजनीतिज्ञों के झूठे वायदों पर व्यंग्य करता है कि वे हर घर में चिराग उपलब्ध कराने का वायदा करते हैं, परंतु यहाँ तो शहर में ही चिराग नहीं है। कवि को पेड़ों के साये में धूप लगती है अर्थात् आश्रयदाताओं के यहाँ भी कष्ट मिलते हैं। अत: वह हमेशा के लिए इन्हें छोड़कर जाना ठीक समझता है। वह उन लोगों के जिंदगी के सफर को आसान बताता है जो परिस्थिति के अनुसार स्वयं को बदल लेते हैं। मनुष्य को खुदा न मिले तो कोई बात नहीं, उसे अपना सपना नहीं छोड़ना चाहिए। थोड़े समय के लिए ही सही, हसीन सपना तो देखने को मिलता है। कुछ लोगों का विश्वास है कि पत्थर पिघल नहीं सकते। कवि आवाज़ के असर को देखने के लिए बेचैन है। शासक शायर की आवाज को दबाने की कोशिशकरता है; क्योंकि वह उसकी सत्ता को चुनौती देता है। कवि किसी दूसरे के आश्रय में रहने के स्थान पर अपने घर में जीना चाहता है।

प्रश्न 2:
कवि के असंतोष के कारण बताइए।
उत्तर –
कवि के असंतोष के निम्नलिखित कारण हैं-
(क) जनसुविधाओं की भारी कमी।
(ख) लोगों में प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होना।
(ग) ईश्वर के बारे में आकर्षक कल्पना करना तथा उसी के सहारे जीवन बिता देना।

प्रश्न 3:
‘दरख्तों का साया’ और ‘धूप’ का क्या प्रतीकार्थ है?
उत्तर –
‘दरख्तों का साया’ का अर्थ है-जनकल्याण की संस्थाएँ। ‘धूप’ का अर्थ है-कष्ट। कवि कहना चाहता है कि भारत में संस्थाएँ लोगों को सुख देने की बजाय कष्ट देने लगी हैं। वे भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई हैं।

प्रश्न 4:
‘सिल दे जुबान शायर की’ पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर –
कवि का आशय यह है कि कुशासन के विरोध में जब शायर विरोध करता है तो उसे कुचल दिया जाता है। उसकी रचनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। सत्ता अपने खिलाफ विद्रोह का स्वर नहीं सुनना चाहती।

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FAQ (Frequently Asked Questions): NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 17

What Does the Poet Want to Talk About in this Poem?

In this Ghazal, the poet discusses the society’s current brutality and employs a variety of pictures to make the notion obvious and poetic. He goes on to say that the only individuals who can live in this society are those who don’t give a damn. People who are concerned by their surroundings but lack the strength to do anything about it can only escape through their dreams

How KopyKitab Helps the Student NCERT Solutions of Class 11 Chapter 17?

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