एक चतुर विद्यार्थी 10वीं और 12वीं क्लास की एग्जाम को टॉप करने के लिए दैनिक तौर पर अभ्यास करता है, वही एक अनुशासन हीन और आलसी विद्यार्थी कुछ दिन तो रोजाना पढ़ाई करता है परंतु उसके बाद अपने आलसपन की वजह से वह रोजाना पढ़ाई करना छोड़ देता है।
दसवीं या बारहवीं में टॉपर बनने के लिए रिवीजन करना भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। आप जो कुछ भी स्कूल में पढ़ते हैं या फिर कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ते हैं, आपको 24 घंटे के भीतर उसका रिवीजन अवश्य करना चाहिए क्योंकि जब आप पढ़ाई गई चीजों का रिवीजन करते हैं तो वह आपको याद हो जाती है।
एक टॉपर बनने की इच्छा रखने वाला विद्यार्थी इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि उसे एग्जाम में उन सवालों को सबसे पहले हल करना है जिसके जवाब उसे पता है ना कि उसे परीक्षा के अंदर ऐसे सवालों के पीछे अपना समय खराब करना है।
अगर कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ाई के दरमियान या फिर स्कूल में पढ़ाई के दरमियान किसी सवाल का जवाब आपको नहीं पता है या फिर आपको किसी सवाल को लेकर कंफ्यूजन है। तो आपको बिना संकोच किए हुए अपने ट्यूशन टीचर से अपने सवाल को अवश्य पूछना चाहिए
10 वीं या फिर 12वीं की एग्जाम में टॉपर बनने के लिए आपको उसी बोर्ड के पिछले 10वीं और 12वीं की बोर्ड के एग्जाम के पेपर को हासिल करना है जिस बोर्ड से आप पढ़ाई कर रहे हैं अथवा जिस बोर्ड की एग्जाम आप देने वाले हैं।
10वीं और 12वीं क्लास की एग्जाम को टॉप करने के लिए आपको हार्ड स्टडी की जगह पर स्मार्ट स्टडी पर फोकस करना चाहिए। स्मार्ट स्टडी के अंतर्गत एक विद्यार्थी अपने टाइम का मैनेजमेंट करता है और वह समय से सभी काम को समाप्त करता है फिर चाहे वह कोई अन्य काम हो या फिर पढ़ाई का काम हो।
टॉपर बनने के लिए यह भी आवश्यक है कि विद्यार्थी स्कूल या फिर कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ाई जाने वाली चीजों को नोट्स में अलग से लिख कर के रखे। और जब वह अपने घर पर आए तो खाली समय में नोट में लिखी गई चीजों का अध्ययन करें।
हमने ऐसे कई विद्यार्थी देखे हैं जो टॉपर बनने के लिए बस दिन भर किताब में लिखी गई बातों का रट्टा ही मारते रहते हैं परंतु उन्हें यह नहीं पता होता है कि रट्टा मारना टॉपर व्यक्ति अथवा विद्यार्थी की पहचान नहीं होती है
10वीं अथवा 12वीं क्लास की बोर्ड की एग्जाम पास आने के साथ ही विद्यार्थियों के मन में टेंशन भी पैदा होने लगती है और दिन-रात एग्जाम की तैयारी करने की वजह से उनका स्वास्थ्य भी धीरे-धीरे बिगड़ने लगता है