एक आईएएस अधिकारी की ट्रेनिंग के बाद उन्हें सबसे पहले फील्ड असाइनमेंट की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. फील्ड असाइनमेंट के तहत अफसर को क्षेत्र का निरीक्षण करना होता है.यह विभिन्न स्तरों से सम्बंधित काफी चुनौतीपूर्ण दायित्व होता है।
एक एसडीएम के रूप में चयनित आईएस अधिकारी को कानून व्यवस्था बनाये रखने के अलावा सब डिवीज़न के अंतर्गत हो रहे विकास व प्रशासनिक गतिविधिओं पर कड़ी नजर रखनी होती है।
जिला स्तर पर डीएम,कलेक्टर, और डिप्टी कमिश्नर को नियुक्ति होती है जिनके दायित्व भिन्न होते हैं . डीएम के तौर पर पोस्टेड आईएएस अफसर को जिला स्तर के कई कर्तव्यों का निर्वहन करना होता है।
डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी मजिस्ट्रेट पद और कर्तव्य में अंतर होता है. एक डिप्टी कलेक्टर जिले में राजस्व से जुड़ा सबसे बड़ा अधिकारी होता है. एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन, भू राजस्व का संग्रह , राष्ट्रीयता, अधिवास ,शादी, एसटी एससी ओबीसी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए वैधानिक सर्टिफिकेट जारी करना ये सारे दायित्व एक डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी के होते हैं।
इस स्तर पर पोस्टेड अधिकारी को निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए नीतियां बनाना और उसके अंतर्गत सरकारी प्रक्रियाओं से सम्बंधित निर्णय लेने में सलाह देने का दायित्व पूरा करते हैं।
कई अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर पीएसयू कैडर में तैनात हो जाते हैं और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे बिजली स्टेशनों, औद्योगिक इकाइयों आदि के उच्च प्रबंधन का हिस्सा बन जाते हैं. कई अधिकारी पीएसयू कैडर में नियुक्त होते हैं और बिजली स्टेशन, औद्योगिक यूनिट्स में हाई प्रोफाइल मैनेजमेंट का हिस्सा होते हैं।
केंद्र सरकार के स्तर पर केंद्र सचिवालय के असाइनमेंट्स संभालने के लिए सचिव स्तर की जो पोस्टिंग में विभिन्न मंत्रालय के लिए नीति समीक्षा नीति निर्माण व कार्यान्वयन का दायित्व संभालना होता है।