इंडियन इंजीनियर्स के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में करियर ऑप्शन्स

इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के कोर्सेज और अवधि -

डिप्लोमा कोर्सेज –  यह कोर्स स्टूडेंट्स को इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा ऑफर करता है। इस कोर्स की ड्यूरेशन या अवधि 3 वर्ष है।

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज –  यह एक 4 वर्ष की अवधि का कोर्स है जिसे पूरा करने पर आपको इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक (बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की डिग्री मिलती है।

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज –  यह 2 वर्ष की अवधि का कोर्स है जो इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एमटेक (मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री ऑफर करता है।

डॉक्टोरल कोर्सेज –  यह इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डॉक्टोरल डिग्री या पीएचडी (डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी की डिग्री) प्राप्त करने के लिए एक 3 वर्ष की अवधि का कोर्स है।

भारत में इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की एडमिशन प्रोसेस और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया -

डिप्लोमा कोर्सेज –  छात्र ने किसी मान्यताप्राप्त शिक्षा बोर्ड से 10 वीं क्लास का एग्जाम पास किया हो।

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज –  यूजी प्रोग्राम में एडमिशन लेने के छात्र ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स आदि मुख्य विषयों के साथ 12 वीं क्लास पास करना जरुरी हैं।

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज –  पीजी प्रोग्राम्स में एडमिशन लेने के लिए भी छात्र को उपयुक्त एंट्रेंस एग्जाम्स पास करने होते हैं। छात्र के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से संबद्ध विषय में अंडरग्रेजुएट की डिग्री भी होनी चाहिए।

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए करियर प्रॉस्पेक्ट्स –  इन कोर्सेज को करने वाले छात्र इंजीनियरिंग वर्क्स, कंस्ट्रक्शन्स, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में करियर ऑप्शन्स तलाश सकते हैं।

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