लीगल जर्नलिस्ट: -मीडिया हाउसेस में लीगल, क्राइम व कोर्ट की खबरें कवर करने के लिए भी लॉ के छात्रों की मांग है।
लीगल एडवाइज़र:- बहुत से उद्योगपति, कंपनियां, नेता तथा संस्थाएं न्यायिक अड़चनों के समाधान हेतु लीगल एडवाइज़र नियुक्त करते हैं।
सरकारी वकील: - बार कॉउंसिल की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आप सरकार और उसके विभिन्न विभागों के लिए केस लड़ सकते हैं।
जुडिशल सर्विस और पब्लिक सर्विस कमीशन : राज्य सरकार और केंद्र सरकार समय-समय पर जुडिशल सर्विस और सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित करती हैं, इसमें सफल होकर आप कोर्ट में जज तथा अन्य ऊंचे पदों पर कार्य कर सकते हैंं।
जुडिशल क्लर्कशिप: जुडिशल क्लर्कशिप या लॉ क्लर्क, जज के सहायक के तौर पर कार्य करते हैं, ये जज को विधि संबंधी या केस से सम्बंधित अनुसंधान में सहायक का कार्य करते हैं। जुडिशल क्लर्कशिप की परीक्षा पास करने के बाद आप इस पद पर सेवा कर सकते हैं।
वकालत पढ़ने के बाद और प्रेक्टिस से पहले यह जरूरी :एलएलबी की डिग्री मिलने के बाद वकालत करने के लिए स्टेट बार कॉउन्सिल में एनरॉल कराने की आवश्यकता होती है। कहां-कहां तथा कैसे-कैसे रोज़गार के अवसर वैश्वीकरण के कारण हर क्षेत्र में विधि और कानून से जुड़े विशेषज्ञों की मांग बढ़ी है, चाहे वो लॉ फर्म हो, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, प्राइवेट सेक्टर अंडरटेकिंग, सेलेब्रटी हो या बिज़नेस टाइकून सभी को विधि परामर्शी की जरूरत है।