वो 10 गलतियां जो छात्र

IIT-JEE

की तैयारी के दौरान अक्सर दोहराते हैं

सिलेबस अच्छे से जाने बगैर तैयारी करना - IIT-JEE जैसी परीक्षा में विफल होने वाले ज्यादातर छात्र तैयारी की शुरुआत में ही गलतियां करने लगते हैं। परीक्षा के पूरे सिलेबस को जाने बगैर तैयारी शुरू कर देते हैं। इस परीक्षा में गणित, फिजिक्स और केमिस्ट्री सेक्शन से प्रश्न पूछे जाते हैं। लेकिन इन विषयों में कई ऐसे टॉपिक्स होते हैं जिन्हें 12वीं के कोर्स से अलग किया गया है। 

रूटीन फॉलो नहीं करना - आवेदन के पश्चात पढ़ाई का जोश रखने वाले कई छात्र एक उचित प्लानिंग के तहत डेली रूटीन बनाते हैं। छात्र एक परफेक्ट रूटीन को फॉलो ना कर के मन के मुताबिक़ पढ़ाई करते हैं। यह परीक्षा बहुत कठिन होती है इसमें कॉम्पटीशन भी बहुत ज्यादा होता है तो आपको इसके लिए नियम के साथ चलना बहुत जरूरी है। यदि आप ट्रैक से भटके तो परिणाम नाकारात्मक होने लगते हैं। 

कई तरह के किताबों को पढ़ना - पूरी तैयारी के वक़्त छात्र कई तरह के स्टडी मटेरियल का उपयोग करने लगते हैं। छात्रों को लगता है कि ज्यादा तरह की किताब पढ़ेंगे तो ज्यादा चीजें पढ़ लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए, आपको अपने सिलेबस के अनुसार ही स्टडी मटेरियल का चयन करना चाहिए।  

न्यूमेरिकल पर ज्यादा समय देते हैं - IIT-JEE  की परिक्षा न्यूमेरिकल और थ्योरी दोनों पर आधारित होता है। 2018 के बाद नियमों के बदलाव में न्यूमेरिकल को बढ़ावा दिया गया है। लेकिन यदि आप सिर्फ न्यूमेरिकल पर ही निर्भर हो जाएंगे तो काम नहीं चलेगा। आपको थ्योरी को भी बराबर समय देकर तैयार करना होगा। ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों में थ्योरी का अहम रोल होता है। 

बेसिक पर जोर नहीं देते हैं - IIT-JEE की परीक्षा देश के टॉप एंट्रेंस एग्जाम में से एक है। इस परीक्षा के लेवल को देखते हुए उम्मीदवार बड़े कोचिंग संस्थानों के कहे अनुसार कठिन विषयों को पढ़ने लगते हैं। इस चक्कर में वो बेसिक पर ध्यान देना भूल जाते हैं। अंतिम परीक्षा में कई सवाल बेसिक लेवल के भी पूछ लिए जाते हैं जिससे छात्रों को परेशान होती है।

कम प्रैक्टिस करना - ज्यादातर छात्रों के साथ यह होता है कि पूरे सिलेबस को जानने के बाद वो सारे टॉपिक को कवर करने में लग जाते हैं। यह अच्छी बात है कि आपको पूरा सिलेबस कवर करना चाहिए। लेकिन इसमें आप प्रैक्टिस करना ना छोड़ें। आपने जितनी भी पढ़ाई की है उसकी प्रैक्टिस जरूर करते रहें। यदि आप इसके लिए विगत कुछ वर्षों के पेपर की मदद लेते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा होगा।  

तुक्का मारने से बचें - बता दें कि IIT-JEE की परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्न आते हैं, कई छात्र जल्दीबाजी के चक्कर में तुक्का मारने लगते हैं। कुछ सवालों के जवाब कन्फर्म ना होने पर तुक्का ना मारें बल्कि उसको छोड़कर आगे बढ़ जाएं। क्योंकि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की जाती है। इसलिए यदि आप जवाब के लिए 100% कन्फर्म ना हों तो जवाब ना दें।

एक साथ कई टॉपिक पढ़ना - स्टडी प्लानिंग के बिना पढ़ाई करने वाले छात्रों के साथ यह दिक्कत हमेशा रहती है कि वो एक साथ कई टॉपिक्स को पढ़ते हैं। जैसे जब वो गणित के किसी एक टॉपिक पर अटकते हैं तो उसको छोड़कर फिजिक्स के किसी टॉपिक को पढ़ने लगते हैं। ऐसा करने से आपके दोनों टॉपिक ठीक से तैयार नहीं हो पाएंगे। आपके लिए जरूरी है कि एक समय में एक ही टॉपिक को पढ़ें। जब तक उसको अच्छे से समझ ना लें तबतक उससे जूझते रहें। 

परीक्षा के दौरान घबराना- यह सामान्य व्यवहार होता है कि परीक्षा से ठीक पहले छात्र घबराने लगते हैं। सबसे ज्यादा जरूरी है आत्मविश्वास का होना। आपने अगर तैयारी के वक़्त पूरे लगन से पढ़ाई की है तो आपको बिलकुल निश्चिंत होना चाहिए। परीक्षा के दौरान दबाव में आकार आप कई तरह की असामान्य गलतियां कर बैठते हैं। छात्रों को कभी अपनी पढ़ाई बोरिंग नहीं लगनी चाहिए। 

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