तेज दिमाग के लिए जरूरी है मैथ्स प्रैक्टिस, आजमाए ये तरीका

Arrow

मैथ्स को समझें - अक्सर मैथ्स को लेकर लोगों के मन में इस तरह का डर बना दिया जाता है कि जिन लोगों को गणित पढ़ने में रुचि रहती है वे भी सुनी-सुनाई बातों के चलते मन में एक डर का भाव बना लेते हैं कि मैथ्स तो सबसे कठिन सब्जेक्ट है जिसे पढ़ने के लिए बहुत तेज दिमाग का होना जरूरी है। 

स्टेप बाय स्टेप पढ़ें - मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसे अचानक कहीं से आप पढ़ना शुरू करते हैं तो यह विषय जल्दी से समझ में नहीं आ सकता है। गणित पढ़ने की एक पूरी प्रक्रिया होती है जिसे फॉलो करके एक स्टेप से दूसरे स्टेप तक बढ़ते हुए मैथ्स को सीखा जाता है। 

डेली प्रैक्टिस - मैथ्स के किसी भी चैप्टर के शुरू होने या खत्म होने के बाद कुछ अभयास प्रश्न दिए होते हैं जिनका हल भी अक्सर बताया होता है। जब आप मैथ्स सब्जेक्ट पढ़ते हैं तो पहले उस चैप्टर को अच्छी तरह से पढ़ें और समझ लें फिर जो सवाल हल किए गए हैं आखिर वे किस कॉन्सेप्ट से हले किए गए हैं यह अच्छी तरीके से समझने की कोशिश करें। खूब प्रैक्टिस करें। 

फॉर्मूले के आधार पर स्टडी - मैथ्स फॉर्मूले पर आधारित होता है। इन फॉर्मूलों को सही से समझ पाते हैं तो फिर आसानी से गणित के सवालों को हल किया जा सकता है। मान लीजिए अगर आपसे कोई पूछता है 56 का 9 गुणा कितना होता है तो ऐसे में 56 के पहाड़े तो याद होंगे नहीं तो ऐसे में यदि हमें गुणा करने का फॉर्मूला पता होगा तो इसे कुछ सेकेंड में ही मन में हल कर आंसर बता सकते हैं। 

कम प्रैक्टिस - कम प्रैक्टिस गणित में कमजोर और स्लो कैलकुलेशन करने का सबसे पहला और महत्तवपूर्ण कारण है। इसलिए अधिक से अधिक प्रैक्टिस करें।गणित की सबसे अच्छी बात है कि आपको इसे याद नहीं करना पड़ता। इसे जितना ज्यादा आप प्रेक्टिस करते हैं उतने बेहतर तरीके से इसे हल कर पाते हैं। 

कमजोर और तेज छात्र में अंतर लिए ये समाधान अपनाएं  - कमजोर और तेज छात्र में अंतर केवल गणित को हल करने के तरीके में होते हैं। कमजोर छात्र जब तक एक सवाल को हल करते हैं तब तक तेज छात्र दो से तीन सवालों को हल कर देते हैं। तो इस स्लो कैलकुलेशन का क्या कारण है? 

अन्य बातों का ख्याल रखें  - यदि किसी प्रश्न को हल करते समय आप जोड़, घटाना और भाग अपने दिमाग में ही कर लेते हैं तो कैलकुलेशन बहुत ही फ़ास्ट होता है और यदि आप यह खुद करें तो आपकी गति धीमी हो जाती है| उदाहरण की तौर पर, जैसे कोई बैट-मेन खड़ा है और बॉलर बॉल फेकता है तो बॉल की स्पीड बैट-मेन तक बॉल पहुँचने की एक सेकेंड का दसवा भाग होती है| गौर करने की बात यह है की इतने कम समय में बैट-मेन, बॉल की लेंथ, और कोण समझ कर स्ट्रोक करता है 

Download School Books, Study Notes, Test Series & More..