क्लियर करना चाहते हैं एनडीए की परीक्षा, यहां है टिप्स
पहले जानें एनडीए का परीक्षा पैटर्न - एनडीए की लिखित परीक्षा में दो पेपर होते हैं। लिखित परीक्षा पास करने वाले छात्रों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इसकी लिखित परीक्षा में पेपर 1 मैथ्स का होता है तो वहीं पेपर 2 जनरल एबिलिटी टेस्ट होता है। यह कुल 900 अंक का पेपर होता है जिसमें से पेपर 1 मैथ्स 300 अंक का तो वहीं पेपर 2 जीएटी 600 अंक का पेपर होता है।
अपनी स्टडी को स्मार्ट तरीके से शेड्यूल करें - स्मार्ट स्टडी प्लान का मतलब है अपने टाइम और एनडीए के सिलेबस को कुशलतापूर्वक मैनेज करना। आपका प्रिपरेशन शेड्यूल अच्छी तरह से अन ऑर्गनाइज्ड होना चाहिए ताकि आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
बेसिक क्लियर होना चाहिए - पूरे सिलेबस का विश्लेषण करें और वे उन विषयों को चिह्नित करें जिनमें अधिक एकाग्रता की आवश्यकता होती है। बेसिक्स से विषयों की तैयारी शुरू करें।उच्च स्तरीय प्रश्नों को हल करने में सक्षम होंगे।
जनरल नॉलेज और अंग्रेजी पर ध्यान दें - यहां अंग्रेजी न केवल लिखित परीक्षा में परखी जाती है, बल्कि अगर आपकी अंग्रेजी में प्रवाह है, तो यह साक्षात्कार के समय चयनकर्ताओं पर भी अच्छा प्रभाव छोड़ सकती है। चूंकि जनरल नॉलेज सिलेबस स्कोरिंग सब्जेक्ट है इसलिए इसे अच्छी तरह से तैयार करें।
सही पुस्तकों का चुनाव व पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल करना जरूरी - बाजार बड़ी संख्या में बुक स्टॉक से भरा हुआ है, लेकिन हर पुस्तक से आपको पूरा मार्गदर्शन मिल सके, यह संभव नहीं है। इसलिए पूरी जानकारी हासिल करने के बाद सही पुस्तक का चुनाव करें। वहीं एग्जाम की तैयारी को सही दिशा में करने के लिए पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र बहुत मदद करते हैं।
रिवीजन बेहद जरूरी - छोटे-छोटे नोट्स बनाएं और इन नोट्स का रेगुलर बेसिस पर रिवीजन करते रहें। इससे उम्मीदवारों को इसे लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलेगी। ऐसे रिवीजन नोट्स परीक्षा से कम से कम एक सप्ताह पहले बना लें और इसका इस्तेमाल करते रहें। परीक्षा के अंतिम हफ्ते में अनावश्यक विषयों की पढ़ाई न करें।
मॉक टेस्ट - एनडीए के माध्यम से चयन न केवल लिखित परीक्षा पर आधारित है, बल्कि आपका व्यक्तित्व और स्वास्थ्य भी इसमें प्रमुख भूमिका निभाता है। सभी एस्पिरेंट्स को सलाह दी जाती है कि आप पर्याप्त भोजन और पानी के सेवन के माध्यम से आपको फिट और स्वस्थ रखें।
बाउंसर प्रश्नस पर समय बर्बाद ना करें - NDA की तैयारी करने वाले ज्यादातर बच्चे बाउंसर प्रश्नों का शिकार हो जाते हैं। बाउंसर प्रश्न वो प्रश्न होते हैं जिनमें ज्यादा से ज्यादा समय लगता है।जो बेहद टाइम टेकिंग होते हैं। ऐसे प्रश्नों के लिए ज्यादा समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है।
ध्यान को भटकने ना दें - बता दें कि NDA की तैयारी 12 वीं के बाद ही शुरू हो जाती है। इस दौरान पढ़ाई करते वक़्त ध्यान को भटकने ना दें। अच्छे से पूरा समय देखर नोट्स को पढ़ना चाहिए और तैयारी करना चाहिए। मन में नेगेटिव विचार बिल्कुल नहीं आने दें।
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