साइंस के छात्र इन ऑफ-बीट क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर

ग्राहकों की इन मांगों को पूरा करने के लिए खाद्य कंपनियां नियमित रूप से अपने भोजन में सुधार कर रही हैं और इसलिए फूड साइंटिस्ट की काफी मांग भी बढ़ी है इस क्षेत्र में पढ़ाई के लिए AIJEE के जरिए फूड टेक्नोलॉजी और बायोकेमिकल साइंस में सरकारी कॉलेजों से इंजीनियरिंग कर सकते हैं।

फूड इंजीनियर  

खिलाड़ियों और टीमों को सफल बनाने में मेहनत लगती है। खेल विश्लेषक खिलाड़ियों के आहार, स्वास्थ्य और प्रदर्शन समेत कई अन्य बातों पर नजर रखते हैं वे प्रतिस्पर्धियों के प्रदर्शन पर भी नजर रखते हैं। स क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से पढ़ाई कर सकते हैं।

स्पोर्ट्स  

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, इसी कारण पर्यावरण विज्ञान करियर के लिए एक बेहतर विकल्प है। पर्यावरण विज्ञान का संबंध पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारकों और जीवित प्राणियों की पर्यावरण पर निर्भरता से है।

पर्यावरण संरक्षण 

एड-टेक (ऑनलाइन शिक्षा) के क्षेत्र में आई तेजी को देखते हुए मार्केट में कंटेंट क्रिएशन की मांग काफी बढ़ी है। कंटेंट क्रिएशन में छात्र को लिखने के साथ-साथ ऑडियो-विजुअल के लिए भी काम करना होता है।इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप भारतीय जनसंचार संस्थान या जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर सकते हैं।

कंटेंट क्रिएशन 

एक न्यूट्रिशन एक्सपर्ट या डाइटिशियन डायटेटिक्स, फूड और न्यूट्रिशन, क्लिनिकल न्यूट्रिशन और पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में स्नातक की डिग्री के साथ अपना करियर शुरू कर सकता है। स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों में भी भर्ती हो सकता हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन से पढ़ाई कर सकते हैं।

न्यूट्रिशन एक्सपर्ट  

साइंस में ऑफबीट करियर बनाने का यह बेहतरीन विकल्‍प है। छात्र 12वीं के बाद नैनो टेक्नोलॉजी में बीएससी या बीटेक कर सकते है। इसके बाद जरूरत के हिसाब से इसी सब्जेक्ट्स में एमएससी या एमटेक करके शानदार करियर बना सकते हैं।

नैनो टेक्नोलॉजी  

यह बेहत तेजी से बढ़ता हुआ काफी बड़ी फील्ड है, इसमें स्टेलर साइंस, प्लैनेटरी साइंस, कॉस्मोलॉजी, एस्ट्रो जैसे कई फील्ड्स शामिल हैं। इस फील्ड में तीन साल की बीएससी और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक करने का ऑप्‍शन मौजूद है। ये कोर्से इस समय खास तौर पर इसरो और बेंगलुरु स्थित आईआईएससी में कराए जाते हैं।

स्पेस साइंस 

अगर आपको ग्रहों और तारों से प्‍लान है तो आप 12वीं के बाद एस्ट्रो फिजिक्स का कोर्स कर सकते है। इसमें छात्रों के लिए पांच साल के रिसर्च ऑरिएंटेड प्रोग्राम और तीन साल का बैचलर्स प्रोग्राम बीएससी इन फिजिक्स का विकल्‍प मौजूद है। एस्ट्रो फिजिक्स में डॉटरेट करने के बाद स्टूडेंट्स इसरो जैसे रिसर्च ऑर्गनाइजेशन में साइंटिस्ट बन सकते हैं।

एस्ट्रो फिजिक्स 

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