बायोमेडिकल इंजीनियर कैसे बने

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग -  बायो इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक ऐसी शाखा है जिसमे मेडिकल ऐप्लिकेशंस, विभिन्न इलाजो या डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी के विकास और रिसर्च के लिए इंजीनियरिंग सिद्धांतों की मदद ली जाती है।

बायो इंजीनियर का कार्य -  बायोमेडिकल इंजीनियर का मुख्य कार्य मेडिकल संबंधी उपकरणों की देखभाल करना होता है, ताकि मरीजों के इलाज के समय उपकरणों में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। 

योग्यता -  अगर आप बायो मेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की सोच रहे है, तो आपको सबसे पहले अपनी बारहवीं की परीक्षा साइंस स्ट्रीम यानि कि फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी जैसे विषयों के साथ करनी होगी। 

बाबायोमेडिकल इंजीनियरिंग में रोजगार -  अगर आप बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हो तो, आप अस्पतालों, नर्सिंग होम्स, रिसर्च लैब्स, दवा बनाने वाली कंपनियों व हेल्थ केयर कंपनियों में रोजगार प्राप्त कर सकते है। 

सेलरी -  शुरुआत में आपको बायोमेडिकल इंजीनियर के तौर पर 20-25 हजार रुपए प्रतिमाह तक आसानी से मिल जाते है। लेकिन अगर आप रिसर्च एवं प्रशिक्षण संस्थान में अपने करियर की शुरुआत करते हो तो आपको 30-40 हजार रुपए प्रतिमाह तक मिल जाते हैं। 

बायोमेडिकल में स्पेसलिजेशन के विषय /बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रकार -

बायोमैकेनिक्स -  Biomedical से जुड़े इस विषय में स्पेशलिस्ट बनने के लिए आपको शरीर की गतिविधियों को समझना पड़ता है। इसके लिए उन्हें उन प्रोडक्ट्स को डिजाइन और विकसित भी करना पड़ता है। 

आर्थोपेडिक बायो इंजीनियरिंग -  बायोमेडिकल से जुड़े इस विषय में आपको मुख्य रूप से हड्डियों, मांसपेशियों, जोड़ो, और लिगामेंट से संबंधित उत्पादों को डिजाइन और विकसित किया जाता है। 

रिहेबिलिटेशन इंजिनीरिंग -  बायोमेडिकल से जुड़े इस विषय में आप कृत्रिम अंगो को आसानी से डिजाइन और विकसित कर सकते है। इन कृत्रिम अंगो का इस्तेमाल शरीर के टूटे या कटे हुए अंगो को दोबरा काम में लाने के लिए किया जाता है। 

सेलुलर टिश्यू एवम जेनेटिक इंजीनियरिंग -  बायोमेडिकल से जुड़े इस विषय में आपको स्वास्थ्य संबंधी बड़ी समस्याओ का समाधान करने के लिए सूक्ष्म स्तर पर कार्य करना पड़ता है। 

बायो इंस्ट्रूमेंटेशन -  बायोमेडिकल से जुड़े इस विषय में मनुष्य से जुडी बीमारियों के निदान और उसके उपचार में सहायता करने वाले उपकरणों के डिजाइन एवं निर्माण से संबंधित प्रकिर्या का गहन अध्ययन किया जाता है। 

क्लीनिकल इंजीनियरिंग -  बायोमेडिकल से जुड़े इस विषय या क्षेत्र में आपको फिजिशियन, नर्स, एवं अन्य मेडिकल एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर चिकित्सा में उपयोग किये जाने वाले तकनीक के कार्यन्वयन और संचालन का काम करते है। 

मेडिकल इमेजिंग -  मेडिकल इमेजिंग का क्षेत्र उन उपकरणों को डिजाइन करने और विकसित करने से संबंधित है। जो मानव शरीर के अंदर की जांच करने में सहायता करता है। 

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