डिजिटल बैंकिंग क्या होती है -डिजिटल बैंक और ट्रेडिशनल बैंक एक ही प्रकार की बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं। इनमें बस फर्क यह होता है कि बैंक की ब्रांच की तरह डिजिटल बैंक की कोई फिजिकल बैंक नहीं होती।
डिजिटल बैंकिंग के लिए इन कौशलों में खुद को बनाएं निपुण -
मशीन लर्निंग और डाटा माइनिंग - बैंक अपने ग्राहकों को सहज अनुभव कराने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखकर कोडिंग जानने वालों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
एप डेवलपमेंट - एप डेवलपमेंट और मेंटिनेंस जैसा एरिया बैंकों में एक फुलटाइम काम बन गया है। तमाम बैंकों ने इसके लिए बाकायदा एक स्थायी विभाग भी बनाना शुरू कर दिया है।
क्रिएटिव डिजाइनिंग - एप डेवलपमेंट में क्रिएटिव डिजाइनर का रोल भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। बैंकिंग भी इससे अछूता नहीं है।
आइटी और डिजिटल बैंकिंग - बैंकों को भी आजकल साइबर मदद की जरूरत है। बैंक नियमित रूप से ऐसी गतिविधियों के लिए आइटी पेशेवरों को स्थायी रूप से अपने यहां नियुक्त करते हैं।
नोटबंदी के समय से ही देश में कैश की कमी के कारण लोगों ने डिजिटल बैंकिंग की शुरुआत की और शिफ्ट किया, सभी ने इसे सीखा और इसका प्रचार-प्रसार किया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।
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