Class 11 Hindi Aroh NCERT Solutions for Chapter 11 (Updated for 2023)

 

NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 11

NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 11 2023: After Class 10th, CBSE and ICSE students have the option of taking Hindi as an elective. Many students choose Hindi over other optional subjects because it is easier to study. Hindi is not only simple to study and learn, but it also helps you scale up your percentage graph. NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 11 is available for free download in this article.

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Class 11 Hindi Aroh NCERT Solutions for Chapter 11 Free PDF

 


When you choose Hindi as an optional subject, you don’t have to devote as much time to it and can concentrate on other things. Aroh is the Hindi poetry book recommended by CBSE. NCERT Solutions is a great place to go for all of your Hindi course materials.

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 11: Overview

It is never easy to understand the poems and their core, no matter how simple Hindi is to learn. This is due to the fact that the majority of the poetry on the syllabus is written in a dialect known as Panchmel Khichdi or sadhu khadi. This includes languages like Braj, Bundelkhandi, Khadi Boli, Bhojpuri, Awadhi, Urdu, and Punjabi, among others.

NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 11 Kabir Ke Pad

NCERT Solutions for Hindi Class 11 Sant Kabir Ke Pad is a book written by Sant Kabir. Kabir is a poem written in rhyming couplets in which Kabir uses his ideas to illustrate the complexities of human life. Kabir was a renowned poet and saint who belonged to the Hindi Sahitya Bhaktikal and subsequently became a social reformer. Kabir was never educated and was illiterate, but this did not prevent him from becoming a scholar.

He was a philosopher who reflected on how to connect with God through the couplets he utilized in his writings. How to purify your inner self of the pollutants that the modern world has instilled in us. In one of his couplets, Kabir writes that learning to be human and love humanity is what makes you a scholar, not knowledge. He claimed that all religions are equal and that no human being is superior to another.

Kabir Ke Pad impresses readers with its captivating life philosophy. Only until you have decoded Kabir’s words and the metaphor underlying them can you fully comprehend them. The NCERT answers for Class 11 Hindi Kabir ke Pad can help you define and clarify what the poets were trying to say as well as the hidden meaning behind their words. For a better understanding of Chapter 11, download NCERT Solutions Class 11 Hindi Kabir ke Pad free pdf accessible here.

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प्रश्न 1.

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। इसके समर्थन में उन्होंने क्या तर्क दिए हैं ?

उत्तर –

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। इसके समर्थन में उन्होंने निम्न तर्क दिए हैं। 

  1. कबीरदास जी कहते हैं कि जैसे पूरे संसार में एक ही हवा व पानी है।उसी प्रकार संसार के सभी प्रणियों में उस परमपिता का अंश ही ज्योति रूप (आत्मा) में समाया है।
  2. जैसे कुम्हार एक ही मिट्टी से अलग-अलग तरह के बर्तन बनाता हैं।उसी प्रकार उस ईश्वर ने भी सभी मनुष्यों को एक ही मिट्टी यानि पंचतत्व ( पृथ्वी , वायु , जल , आकाश , अग्नि)  से बनाया हैं। 
  3. भले ही सभी प्राणी अलग अलग हों मगर सभी प्राणियों के हृदय में एक ही ईश्वर विद्यमान है। 
  4. कबीरदास आगे कहते हैं कि सभी प्राणियों के ह्रदय के भीतर वही ईश्वर अनेक रुप धर कर व्याप्त है।

प्रश्न 2.

मानव शरीर का निर्माण किन पंच तत्वों से हुआ है ?

उत्तर –

मानव शरीर का निर्माण पांच तत्वों (पंचतत्व) यानि पृथ्वी , वायु  , जल , आकाश, अग्नि से हुआ हैं। 

प्रश्न 3.

“जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई ।

सब घटि अंतरि तूंही व्यापक धरै सरूपै सोई ॥ “

इसके आधार पर बताइए कि कबीर की दृष्टि में ईश्वर का क्या स्वरूप है ?

उत्तर –

लकड़ी के भीतर आग हर वक्त मौजूद रहती है जो सिर्फ लकड़ी के जलने पर ही दिखाई देती हैं।कबीरदास कहते हैं कि जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काट सकता है लेकिन उसके भीतर की आग को काट नहीं सकता है।

ठीक उसी प्रकार मनुष्य का शरीर भले ही मर जाता है क्योंकि वह नश्वर हैं लेकिन उसके भीतर की आत्मा अमर है क्योंकि वह परमात्मा का अंश है। अर्थात परमात्मा सभी जीवों के अंदर आत्मा के रूप में बसता है।

प्रश्न 4.

कबीर ने अपने को “दीवाना” क्यों कहा है ?
उत्तर –

कबीरदासजी जान चुके हैं कि आत्मा परमात्मा एक हैं और सभी उसी परमात्मा की संतान हैं। इसीलिए वो संसार के सभी माया मोह के बंधनों से मुक्त होकर एकदम निर्भय हो चुके हैं। अब उन्हें न कुछ खोने का डर हैं और न कुछ सांसारिक वस्तु पाने की इच्छा। अब वो एक दीवाने की तरह सिर्फ प्रभु भक्ति में लीन हैं। इसीलिए वो अपने आप को “दीवाना” कहते हैं। 

प्रश्न 5.

कबीर ने ऐसा क्यों कहा है कि “संसार बौरा गया है” ?

उत्तर –

उपरोक्त पंक्ति में कबीरदासजी कहते हैं कि इस संसार के लोगों से अगर कोई सच्ची बात कहता हैं तो वो लोग उसे मारने के लिए दौड़ते है और झूठी बातों पर बहुत जल्दी विश्वास कर लेते है।ईश्वर प्राप्ति के लिए बाह्य आडंबरों का प्रयोग करते हैं।

राम रहीम के नाम पर लड़ते हैं। अपने अंदर झांक कर आत्मतत्व को पहचानने की कोशिश नहीं करते हैं। इसीलिए वो कहते हैं कि इस संसार के लोग पागल हो गये है।

प्रश्न 6.

कबीर ने नियम और धर्म का पालन करने वाले लोगों की किन-किन कमियों की ओर संकेत क्या है ?

उत्तर –

कबीरदास कहते हैं कि कुछ लोग जो सुबह उठकर स्नान करते हैं और अपने धर्म के अनुसार पूजा-अनुष्ठान भी करते हैं। अपनी आत्मा को मारकर पत्थर व वृक्षों की पूजा करते हैं। टोपी , माला पहन कर और माथे पर तिलक लगाकर अपने आप को ज्ञानी व ईश्वर का सच्चा भक्त समझते हैं। 

लेकिन ऐसे लोगों को कुछ भी ज्ञान नहीं होता हैं। वो अपनी अंतरात्मा की आवाज तक नहीं सुनते हैं और बाह्य आडंबरों का खूब दिखावा करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को यह भी पता नहीं होता हैं कि हमारे अंदर ही परमात्मा समाया हैं। उसे बाहर ढूढ़ने की आवश्यकता नही हैं। 

प्रश्न 7.

 अज्ञानी गुरु की शरण में जाने पर शिष्यों की क्या गति होती है ?

उत्तर –

कबीरदास कहते हैं कि ऐसे गुरु जो अपने आप को बहुत ज्ञानी समझते है और अपने ज्ञान के अहंकार में घर घर जाकर ईश्वर प्राप्ति का मंत्र बताते हैं। ऐसे अज्ञानी व अभिमानी गुरुओं के शिष्य भी अज्ञानी व पाखंडी होते हैं।

ऐसे गुरु अपने शिष्यों के साथ इस संसार रूपी भव सागर में डूब जाते हैं। दोनों को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती हैं और अंत काल में गुरु के साथ साथ शिष्यों को भी पछताना पड़ता है।

प्रश्न 8.

आडंबरों की अपेक्षा स्वयं (आत्मा) को पहचानने की बात किन-किन पंक्तियों में कहीं गई है 

उत्तर –


  1. “नेमी देखा धरमी देखा , प्रात करै असनाना ।
    आतम मारि पखानहि पूजै , उनमें कछु नहिं ज्ञाना ।।”

कबीरदास कहते हैं कि जो लोग नियमित रूप से पूजा पाठ व धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। और अपनी आत्मा को मारकर पत्थर और वृक्षों की पूजा करते हैं। बाह्य आडंबरों का खूब दिखावा करते हैं।

लेकिन वो अपनी अंतरात्मा की आवाज को कभी नहीं सुनते हैं। उन्हें तो इस बात का ज्ञान तक नहीं होता हैं कि परमात्मा हमें बड़ी ही सहजता से मिल सकता हैं क्योंकि वह तो हमारे अंदर ही समाया हैं।वह बाह्य आडंबरों से नहीं मिल सकता हैं ।

2.

“टोपी पहिरे माला पहिरे , छाप तिलक अनुमाना ।
साखी सब्दहि गावत भूले , आतम खबरि न जाना ।।”

कबीरदास कहते हैं कि कुछ लोग टोपी व माला पहन कर और माथे पर तिलक लगाकर अपने आप को धर्म का सच्चा अनुयाई कहते हैं। वो सच्चे अर्थों में धर्म के अनुयाई नहीं है। क्योंकि वो तो अपने गुरु के दिए हुए सदवचनों को भी भूल गये है।

उन्हें तो अपनी आत्मा का बोध तक भी नहीं है। यानि वो अपनी आत्मा की आवाज तक नहीं सुनते हैं। और बाह्य आडंबरों का दिखवा कर ईश्वर प्राप्ति का मार्ग ढूढ़ते रहते हैं। 

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FAQ (Frequently Asked Questions): NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 11

How can we Scale our Percentile Graph by Opting for Hindi?

Students should study Hindi because it provides insight into the immense, enormous body of work produced by renowned Indian poets. If you use NCERT Solutions to study it, it won’t take up much of your time. The time you save can be put to better use studying other courses, and Hindi allows you to simply achieve the highest possible grade. Even if you don’t get strong grades in the other subjects, English and Hindi will keep your percentage from plummeting.

How are Kopy Kitab NCERT Solutions Different From the ones that the Book Provides?

It’s because a single book can’t contain everything you’ll need, so you’ll have to spend time searching the internet and reading through other books. Our Class 11 Hindi Aroh Ch 11 NCERT Solutions should be your go-to resource because it has all of the information you’ll need to pass your examinations with flying colors. You can learn without difficulty by downloading the given pdf and thoroughly reading and comprehending it.

What is the Poem Kabir Ke Pad?

 Kabir Ke Pad, where poet and saint Kabir Das reflects on his life philosophies, is discussed in NCERT Solutions of Class 11 Hindi Aroh Chapter 11. Kabir Das was a devout Hindu who spoke about connecting with the Almighty; he also spoke about the importance of a Guru in every man’s life, who may guide him in the proper direction. Direction to a more fulfilling life. NCERT Solutions provides a deep study of the lines written by Kabir Das, and learning from the solutions makes it simple to understand the hidden meanings of the words employed.

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